दुनियां – हिजबुल्लाह-हमास को घेरते घेरते बाइडेन सरकार को भी नसीहत दे गए इजराइली पीएम नेतन्याहू – #INA

लेबनान में इजराइली हमले भीषण होते जा रहे हैं. शुक्रवार को बेरूत में एक रिहायशी इलाके में मिसाइलें दागी गईं, इस हमले में 6 इमारतें ध्वस्त हो गईं, वहीं 6 लोगों की मौत हो गई. इजराइली सेना के मुताबिक इस इलाके में हिजबुल्लाह का हेडक्वार्टर था जिसे टारगेट कर हमला किया गया. यह हमला संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइली पीएम नेतन्याहू की स्पीच के करीब एक घंटे बाद हुआ.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए नेतन्याहू ने हमास-हिजबुल्लाह और ईरान को जमकर घेरा. नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि जब तक हमास और हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म नहीं कर देते तब तक इजराइली सेना के हमले जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से इजराइल असहनीय स्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन आज मैं यहां कहने आया हूं कि ‘बस अब बहुत हुआ.’
अमेरिका को नेतन्याहू की नसीहत
UNGA में स्पीच देते हुए नेतन्याहू ने हमास-हिजबुल्लाह पर हमला करने के साथ-साथ अपने सबसे अजीज दोस्त अमेरिका को भी नहीं बख्शा. नेतन्याहू ने अमेरिका की ओर से बनाए जा रहे युद्धविराम के दबाव को लेकर बाइडेन सरकार को बड़ी नसीहत दे डाली. नॉर्दर्न हिस्से का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्लाह ने इजराइल के एक हिस्से को घोस्ट टाउन में बदल दिया है. अगर आतंकियों ने ऐसा अमेरिका के सैन डिएगो के साथ किया होता तो अमेरिकी सरकार एक दिन भी बर्दाश्त न करती.
60 हजार यहूदियों को दोबारा बसाने का लक्ष्य
दरअसल 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के बाद इजराइल ने गाजा में सैन्य अभियान शुरू कर दिया था. गाजा में हो रहे इजराइली हमलों के खिलाफ हिजबुल्लाह इजराइल के नॉर्दर्न हिस्से में हमले कर रहा था. नेतन्याहू सरकार के मुताबिक हिजबुल्लाह के हमलों की वजह से करीब 60 हजार यहूदी क्षेत्र को छोड़ चुके हैं और इन यहूदियों को दोबारा नॉर्थ इजराइल में बसाना ही उनका नया युद्ध लक्ष्य है. इसी के चलते इजराइल ने लेबनान में हमले शुरू कर दिए. इन हमलों में अब तक 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं एक लाख से भी ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं. माना जा रहा है कि विस्थापितों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.
हवाई हमलों से पहले पेजर्स और वॉकी-टॉकी अटैक
उधर इन हमलों से पहले लेबनान में 17 और 18 सितंबर को हजारों पेजर्स और वॉकी-टॉकी में धमाके हुए. इन धमाकों में 37 लोग मारे गए वहीं करीब 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए. इन धमाकों के लिए हिजबुल्लाह ने इजराइल पर आरोप लगाए थे. अगले ही दिन 19 सितंबर को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने पेजर्स और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ बताया था. उन्होंने साफ कर दिया था कि इजराइल के इन हमलों से हिजबुल्लाह झुकेगा नहीं और गाजा में इजराइल के खिलाफ मदद पर कोई असर नहीं होगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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