दुनियां – पहले ईरान को हमले का ग्रीन सिग्नल, अब ब्रिक्स में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति की शिरकत… इजराइल को नाराज करने वाला रूस का एक और कदम – #INA

इजराइल फिलिस्तीन में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह से जंग लड़ रहा है. इस बीच उस पर हुए ईरानी हमले के बाद इजराइल के लिए युद्ध का तीसरा मोर्चा खुल गया है. उसे अमेरिका का पूरा साथ मिल रहा है. मगर, रूस ने उसे नाराज करने वाला कदम उठा लिया है. रूस के कजान में 22-24 अक्तूबर को ब्रिक्स सम्मेलन है. इसमें फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास शामिल होंगे. लाजमी है कि इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू इससे खफा होंगे. इसकी एक वजह ये भी है कि ईरान ने इजराइल पर हमला करने से पहले रूस से हरी झंडी ली थी.
ईरान के हमले के बाद इजराइल का बयान आया है. विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता एलेक्स गैंडलर ने कहा कि ईरान ने 180 से अधिक रॉकेट दागे. अधिकतर रॉकेट को एयर डिफेंस सिस्टम ने रोका. ईरानी हमले में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. ईरान से निपटने के लिए हमारे पास रणनीतिक लक्ष्य हैं. हम ईरान के सभी प्रॉक्सी को हराने का काम कर रहे हैं. ईरान ने इजराइल के खिलाफ वैश्विक मोर्चा खोल दिया है.
नसरल्ला के मारे जाने के बाद इजराइल पर बड़ा हमला
1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं. इससे पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है. यह हमला 27 सितंबर को तेहरान समर्थित लेबनानी चरमपंथी हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्ला की हमले में मौत के बाद हुआ है. हिजबुल्लाह गाजा युद्ध की शुरुआत से ही इजराइल पर रॉकेट दाग रहा है.
साल 2006 में इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच आखिरी बार सीधा हुआ था. जो कि 34 दिन चला था. इसमें लेबनानी नागरिकों और हिजबुल्लाह लड़ाकों समेत 1 हजार 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे. बीते दिन हुए हमले को लेकर ईरान ने कहा है कि उसने हिजबुल्लाह, हमास और ईरानी सेना पर हमलों के जवाब में मिसाइलें दागीं.
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इजराइल ने ईरान के हमले के अगले दिन अपने एयरबेस पर अटैक की बात स्वीकार की है. द टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, आईडीएफ का कहना है कि कुछ ईरानी मिसाइल ने एयरबेस को निशाना बनाया. मगर, किसी विमान या बड़े बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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