दुनियां – पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन में मैदान में उतरे एलन, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से मस्क को क्या होगा फायदा? – #INA

स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में लगातार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं. अब तक वह सोशल मीडिया पर ट्रंप को लेकर पोस्ट करते थे लेकिन अब रिपब्लिकन उम्मीदवार के समर्थन में मस्क खुलकर मैदान में उतर आए हैं. शनिवार को पेंसिल्वेनिया में वह ट्रंप की रैली में भी नजर आए. ये रैली उसी जगह हो रही थी जहां जुलाई में ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ था.
इस रैली में एलन मस्क एक पार्टी कार्यकर्ता की तरह काफी उत्साहित, उछलते-कूदते नजर आ रहे थे. शायद यह पहला मौका होगा जब इतना बड़ा कारोबारी किसी पार्टी के प्रचार में खुलकर मैदान में उतरा हो. इस दौरान मस्क ने कहा कि यह कोई आम चुनाव नहीं है बल्कि हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में अगर लोकतंत्र और संविधान को बचाना है तो ट्रंप का जीतना जरूरी है. वह लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस बार के चुनाव में ट्रंप की जीत कितनी जरूरी है.
ट्रंप का समर्थन करने के पीछे क्या है वजह?
एलन मस्क के इन बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट से लगातार सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह कि वह चुनाव में एक पक्ष का सपोर्ट करते दिख रहे हैं. क्या इसके पीछे महज वो पैसा है जो एलन मस्क ने ट्रंप की पार्टी को चंदे के तौर पर दिए हैं या फिर कोई और वजह है?
दरअसल ट्रंप का समर्थन करने के एलन मस्क के इस फैसले के पीछे कई कारण हैं. सबसे पहली वजह तो यह है कि उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी को एक बहुत बड़ी रकम फंडिंग के तौर पर दी है. बताया जाता है कि पब्लिक डोमेन में यह बात आने से बहुत पहले से ही मस्क, रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े संगठनों को लाखों-करोड़ों का चंदा देते आए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 की शुरुआत में ही मस्क ने ट्रंप के एडवाइजर स्टीफन मिलर से जुड़ी एक संस्था को 60 मिलियन डॉलर का फंड दिया था.
इसके बाद 2022 के अंत में एलन मस्क ने सिटीजन फॉर सैनिटी नाम के एक संगठन को 50 मिलियन डॉलर का चंदा दिया, जो अमेरिका के स्विंग स्टेट्स (जो न डेमोक्रेट समर्थक हैं न रिपब्लिकन) में ट्रांसजेंडर-चिल्ड्रन और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करता है. बताया जाता है कि यह रकम उस कुल राशि से बेहद कम है जो एलन मस्क ने रिपब्लिकन पार्टी की मदद के लिए बीते सालों में दी है. जाहिर तौर पर ट्रंप जीतते हैं तो एलन मस्क को अमेरिका में एक ऐसी सरकार मिलेगी जो उनका समर्थन और सहयोग करेगी.
बाइडेन-हैरिस प्रशासन ने बढ़ाई मुसीबत
वहीं बाइडेन और हैरिस प्रशासन ने अपने कार्यकाल में टेक कंपनियों पर काफी लगाम लगाने की कोशिश की है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन-हैरिस प्रशासन ने टेक कंपनियों पर जनता के फायदे के लिए काम करने का सबसे ज्यादा दबाव डाला है. बाइडेन के नेशनल इकोनॉमी काउंसिल के पूर्व डायरेक्टर बरियन डीज का कहना है कि बड़ी कंपनियां स्वाभाविक तौर पर बुरी नहीं हैं लेकिन बाजार में इनका एकाधिकार होने से वह असामान्य तरीके से चीजों के दाम बढ़ाने लगती हैं. इससे उपभोक्ता के पास ज्यादा विकल्प नहीं होते और एक स्वस्थ्य प्रतियोगिता से निकलने वाले अविष्कार को भी रोकते हैं.
ट्रंप सरकार की नीतियां प्रभावित करना आसान
बीते 3 सालों में अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमिशन एंड डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने फेसबुक, गूगल, अमेजन और एप्पल जैसे कंपनियों पर स्वस्थ्य प्रतियोगिता को दबाने और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की है. लिहाजा कमला हैरिस की जीतना इन टेक कंपनियों की मुसीबत को और बढ़ सकता है. हैरिस प्रशासन में इनकी मनमानी कम होगी और सरकार का दखल ज्यादा होगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इन बड़ी टेक कंपनियों के मालिकों के लिए कमला हैरिस की तुलना में डोनाल्ड ट्रंप से अपनी बात मनवाना आसान हो सकता है. अरबपति कारोबारी ट्रंप की सरकार की नीतियों को आसानी से प्रभावित कर सकते हैं.
ट्रंप सरकार में मस्क को मिलेगा बड़ा पद
इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो एलन मस्क को अपनी सरकार में मंत्री या फिर अहम सलाहकार की भूमिका देंगे. माना जा रहा है कि मस्क, ट्रंप सरकार की नीतियों के निर्धारण में अहम भूमिका निभा सकते हैं. वहीं एलन मस्क ने भी ट्रंप के इस ऑफर को स्वीकार करते हुए X पर लिखा था कि वह इस पद पर काम करने के लिए तैयार हैं. अगर वह सरकार की नीति बनाने की प्रक्रिया में ही शामिल होंगे तो जाहिर है उनके लिए अमेरिका समेत पूरी दुनिया में अपने बिजनेस का दायरा बढ़ाना आसान होगा.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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