दुनियां – बदला लेने की धमकी देने वाला ईरान तो ठंडा पड़ गया! करने लगा युद्ध रोकने की बात – #INA
मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच ईरान के विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. अब्बास अराघची ने कहा है कि ईरान तुरंत युद्ध रुकवाने की कोशिशों में जुटा हुआ है. ईरान के विदेश मंत्री ने अल-जजीरा से बातचीत में कहा है कि दूसरे देशों के जरिए अमेरिका के साथ डिप्लोमेटिक रास्ते खुले हैं और ईरान तुरंत जंग रुकवाने के लिए बातचीत कर रहा है.
अब तक जो ईरान इजराइल से बदला लेने की बात करता था अचानक उसके सुर बदल चुके हैं. ईरानी विदेश मंत्री जो सऊदी अरब समेत क्षेत्र के कई देशों के दौरे पर हैं, उन्होंने सऊदी अरब रवाना होने से पहले कहा था कि वह इजराइल के खिलाफ सामूहिक आंदोलन खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने बीते शुक्रवार जुमे की नमाज़ के बाद दिए गए खुत्बे में अरब और मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी को ईरान एक बार फिर इजराइल पर अटैक करेगा.
इजराइल के हमले की आशंका से डरा ईरान?
दरअसल एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था. इस हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू लगातार ईरान से बदला लेने और इजराइल पर हमले का खामियाजा भुगतने की बात कर रहे हैं. बुधवार रात ही नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से फोन पर बातचीत के बाद कहा था कि अगर हम लड़ेंगे नहीं तो मारे जाएंगे. नेतन्याहू के इस बयान को लेकर माना जा रहा है कि उन्हें ईरान पर पलटवार के लिए अमेरिका से हरी झंडी मिल गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि ईरान का बदला लेने की धमकी से युद्ध रुकवाने वाला यू-टर्न कहीं इजराइली हमले के डर से तो नहीं आया है.
ईरान ने इजराइल पर क्यों किया था हमला?
ईरान ने एक अक्टूबर को किए गए हमले को कहा था कि उसने तेहरान में मारे गए हमास चीफ इस्माइल हानिया, बेरूत में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और IRGC के कमांडर निलफोरुशन की हत्या के खिलाफ इजराइल पर अटैक किया है. ईरान ने कहा था कि अगर इजराइल की ओर से इसके बाद कोई जवाबी कार्रवाई की जाएगी तो वह इससे भी बड़ा हमला करेगा. लेकिन ईरान के विदेश मंत्री के ताजा बयान से कुछ और ही संकेत दिखाई दे रहे हैं. साफ है कि आर्थिक संकट से जूझ रहा ईरान फिलहाल इजराइल के साथ तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता, यही वजह है कि वह दूसरे देशों के जरिए अमेरिका से इजराइल को रोकने के लिए संपर्क साथ रहा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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