दुनियां – 1973 के बाद पहली बार जंग के बीच इजराइल ने मनाया योम किप्पुर का त्यौहार – #INA
इजराइल शुक्रवार दोपहर से योम किप्पुर के लिए बंद हो गया था, जो यहूदी कैलेंडर का सबसे पवित्र दिन है. 1973 के बाद देश पहली बार पवित्र दिन पर युद्ध में उलझा हुआ है. देशभर में हाई अलर्ट जारी है और सेना लेबनान और गाजा में युद्ध कर रही है. इजराइल में लगातार रॉकेट दागे जाने और ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच लोगों को चेतावनी देने के लिए विशेष अलर्ट सिस्टम लगाए गए हैं. बता दें कि शुक्रवार को इजराइल पर 120 से अधिक रॉकेट दागे गए.
हालांकि यह दिन आत्मनिरीक्षण का भी दिन है, क्योंकि इजराइल ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद हुए अपार दर्द और पीड़ा पर चिंतन किया था. जिसने देश को एक साल के युद्ध में धकेल दिया, जिसमें कमी आने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.
इजराइल पर 120 से ज्यादा रॉकेट दागे
सुरक्षा के मद्देनजर, इजराइल डिफेंस फोर्स होम फ्रंट कमांड ने लोगों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उनके पास स्पेशल अलर्ट सिस्टम तक पहुंच हो, जो उन्हें रॉकेट और मिसाइल हमले जैसे विशिष्ट खतरों की जानकारी दे सके. या आगे युद्ध छिड़ने की स्थिति में चेतावनियों के लिए उपलब्ध हो. कमांड ने कहा कि लोग रेडियो और टेलीविजन पर जानकारी ले सकते हैं, जो मौन रूप से प्रसारण करेगा, सिवाय रॉकेट चेतावनी सायरन के, जो वास्तविक समय में जोर से बजाया जाएगा.
बता दें, योम किप्पुर पर व्रत से एक घंटे पहले उत्तरी इजराइल पर 120 से ज़्यादा रॉकेट दागे गए, जिनमें से ज्यादातर को रोक दिया गया. कई रॉकेट खुले इलाकों में गिरे और आग लग गई. किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है.
सैनिकों को व्रत पर पाबंदी
धार्मिक और पारंपरिक यहूदियों के लिए, उपवास और प्रार्थना की 25 घंटे की अवधि यरूशलेम में शाम 5:31 बजे और तेल अवीव में शाम 5:51 बजे शुरू हुई. यह शनिवार को शाम 6:46 बजे और 6:48 बजे खत्म होगी. वहीं गुरुवार को, नव नियुक्त मुख्य सेफर्डिक रब्बी डेविड योसेफ ने आईडीएफ प्रोटोकॉल की पुष्टि की, जो सक्रिय युद्ध में शामिल सैनिकों को योम किप्पुर पर वर्त करने से रोकता है.
रब्बी ने लिखा कि यह साफ है कि लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल आईडीएफ सैनिकों को योम किप्पुर पर उपवास करने से मना किया गया है. उन्हें खाने-पीने की मात्रा को सीमित नहीं करना है, बल्कि उन्हें सामान्य रूप से भोजन और तरल पदार्थ का सेवन करना है.
गाजा पट्टी और दक्षिणी लेबनान में जंग
यहूदी कानून में, मानव जीवन को बचाना धार्मिक नियमों का पालन करने से अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें योम किप्पुर पर खाने पर प्रतिबंध भी शामिल है, जो आत्मनिरीक्षण और पश्चाताप के लिए समर्पित उपवास का दिन है. सैनिक वर्तमान में गाजा पट्टी और दक्षिणी लेबनान में लड़ रहे हैं.
इजराइली पुलिस भी पूरे देश में हाई अलर्ट
आईडीएफ ने शुक्रवार को यह भी कहा कि हाल ही में स्थिति के आंकलन के बाद वह बस्तियों और सेफ्टी बैरियर की रक्षा के लिए कई अतिरिक्त लड़ाकू प्लाटूनों के साथ पश्चिमी तट पर अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है. हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर इजराइली पुलिस भी पूरे देश में हाई अलर्ट पर है. देश भर के अस्पताल भी आपातकालीन स्थिति में काम कर रहे हैं और टीमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. इस साल यह पहला मौका है जब इजराइल 1973 के बाद से योम किप्पुर के दिन सक्रिय युद्ध की स्थिति में है, जब इस पवित्र दिन पर मिस्र और सीरिया की सेनाओं द्वारा उस पर अचानक हमला किया गया था.
पूरा देश परम्पराओं के अनुसार बंद
जारी युद्ध के बावजूद, देश का अधिकांश भाग परम्पराओं के अनुसार बंद रहा. बेन गुरियन एयरपोर्ट से आने-जाने वाली सभी उड़ानें शुक्रवार को दोपहर 2:00 बजे बंद हो गईं. शनिवार रात को एयरपोर्ट फिर से खुल जाएगा और आगमन रात 10:30 बजे शुरू होगा, जबकि प्रस्थान एक घंटे बाद फिर से शुरू होगा. इस अवधि के दौरान इजराइल का हवाई क्षेत्र भी यहां से गुजरने वाली उड़ानों के लिए बंद रहता है. सीमा चौकियां भी बंद कर दी गईं, जो शनिवार देर रात तक खुलेंगी.
इसके अलावा दोपहर 1 बजे से रेलगाड़ियां बंद हो गईं और रविवार सुबह ही चलेंगी, क्योंकि आंतरिक शहर बसें और अंतर-शहर परिवहन ने भी दोपहर 2 बजे से अपने मार्ग बंद कर दिए हैं. वे शनिवार शाम को धीरे-धीरे फिर से शुरू होंगी. राष्ट्रीय परंपरा के अनुसार शुक्रवार शाम तक सड़कें कारों से काफी हद तक खाली हो गईं.
वाहन चलाना वर्जित
यहूदी प्रायश्चित दिवस के दौरान वाहन चलाना वर्जित माना जाता है, और कई धर्मनिरपेक्ष इजराइलियों ने इस दिन को कार-मुक्त सड़कों का लाभ उठाते हुए बाइकिंग अवकाश में बदल दिया है. योम किप्पुर साल के सबसे व्यस्त दिनों में से एक है, इस दिन देश भर में सैकड़ों अतिरिक्त चिकित्सक, पैरामेडिक्स, एम्बुलेंस और स्वयंसेवक तैनात किए जाते हैं. योम किप्पुर के दौरान ज़्यादातर चोटें सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं से आती हैं, क्योंकि हज़ारों बच्चे और किशोर अपनी साइकिल चलाने के लिए सुनसान सड़कों का फ़ायदा उठाते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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