दुनियां – ब्रिटेन में पाकिस्तानी शख्स ने की थी भारतीय की हत्या, मिली यह सजा – #INA
ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के 25 वर्षीय व्यक्ति को एक भारतीय रेस्टोरेंट मैनेजर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इस साल 14 फरवरी को दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के रीडिंग में साइकिल से घर लौटने के दौरान, भारतीय शख्स की पाकिस्तान के शख्स ने कार से मारकर हत्या कर दी थी. हालांकि, यह मामला महज एक रोड हादसा नहीं था.
पाकिस्तान के शख्स शाजेब खालिद को 36 साल के भारतीय व्यक्ति विग्नेश पट्टाबिरामन की हत्या का दोषी पाया गया. यह मामला 14 फरवरी को सामने आया था. भारतीय मूल के व्यक्ति की हत्या के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच की और रीडिंग क्राउन कोर्ट की जूरी ने बताया कि कैसे इस अपराध को अंजाम दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
कोर्ट ने बताया, पाकिस्तानी शख्स खालिद को 2 लाख 29 हजार रुपये की कॉन्ट्रेक्ट फीस पट्टाबिरामन की हत्या करने के लिए मिली थी, जिसके चलते उसने चोरी की हुई रेंज रोवर चलाते समय जानबूझकर पट्टाबिरामन को कुचला. कार से कुचले जाने के बाद पट्टाबिरामन को गंभीर चोट आई और 15 फरवरी की सुबह रॉयल बर्कशायर अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि भारतीय शख्स की मौत सिर में चोट लगने की वजह से हुई है.
क्यों की गई हत्या?
कोर्ट के मुताबिक, इस साजिश में वेल रेस्टोरेंट के ऑपरेशन मैनेजर, मोहम्मद सादिक इश्माएल शामिल थे, जिन्होंने कथित तौर पर पट्टाबिरामन को डराने के लिए अपने साथी सोइहीम हुसैन को साजिश में शामिल किया था. दरअसल, रेस्टोरेंट पर समय-समय पर अवैध भर्ती को लेकर मामले सामने आए हैं और कथित तौर पर रेस्टोरेंट में अवैध कर्मचारियों को भर्ती किया गया था. इश्माएल को संदेह था कि पट्टाभिरामन रेस्टोरेंट में अवैध कर्मचारियों की भर्ती के बारे में अधिकारियों को सूचित कर रहा था. इसी के चलते इश्माएल ने खालिद से पट्टाबिरामन को डराने के लिए कहा था.
शाजेब खालिद को रीडिंग क्राउन अदालत में सुनवाई के बाद, विग्नेश पट्टाभिरामन की हत्या के मामले में पिछले महीने दोषी करार दिया गया था और इस हफ्ते की शुरुआत में अदालत ने उसे सजा सुनाई. टेम्स वैली पुलिस में वरिष्ठ जांच अधिकारी, डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर स्टुअर्ट ब्रैंगविन ने कहा, खालिद को सुनाई गई लंबी सजा से मैं खुश हूं.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link