दुनियां – तुर्किए: जेल में बंद नेता के लिए खेला गया खूनी खेल…एर्दोआन सरकार का ये ‘ऑफर’ है हमले की वजह? – #INA
तारीख-22 अक्टूबर 2024, अंकारा आतंकी हमले से महज एक दिन पहले एर्दोआन के सहयोगी और नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी (MHP) के प्रमुख देवलेट बहसेली ने एक ऑफर दिया था. यह ऑफर किसी राजनीतिक पार्टी या नेता को नहीं बल्कि कुर्दिश्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के जेल में बंद लीडर अब्दुल्ला ओकलान को दिया गया था. MHP नेता देवलेट बहसेली ने कहा कि ओकलान संसद में आकर को भंग करने का ऐलान करें, जिसके बदले में उन्हें रिहा किए जाने की संभावना होगी.
कुर्दिश्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) के लीडर अब्दुल्ला ओकलान लंबे समय से जेल में बंद हैं. उन्हें 1999 से मरमारा सागर में एक द्वीप पर रखा गया है. ओकलान के परिवार और वकील 44 महीने से ज्यादा समय बीतने के बावजूद उनसे न तो बात कर पाए हैं और न ही उनकी मुलाकात हो पाई है. तुर्किए PKK को आतंकी संगठन मानता है और ऐसे में अचानक सरकार के सहयोगी के इस ऐलान से देशभर में हड़कंप मच गया.
इस ‘ऑफर’ की वजह से हुआ आतंंकी हमला?
माना जा रहा है कि अंकारा में हुए हमले के पीछे ये भी एक वजह हो सकती है. इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर तुर्किए की सरकारी रक्षा कंपनी TUSAS पर हमले के पीछे कुर्दिश्तान वर्कर्स पार्टी का हाथ है तो बहुत हद तक संभव है कि इस संगठन का एक गुट नहीं चाहता कि उनका ये आंदोलन खत्म हो और अब्दुल्ला ओकलान को जेल से रिहा किया जाए.
मुमकिन है कि कुर्द समुदाय के अधिकारों की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले संगठन में फूट पड़ गई हो, जिसके चलते इसने अपने ही लीडर को जेल से बाहर आने और आंदोलन खत्म करने की अपील से रोकने के लिए अंकारा के करीब बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया है.
कुर्द विद्रोहियों से निपटने की कोशिश
दरअसल तुर्किए में कुर्द समर्थक पार्टी के कुछ सदस्यों ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि कुर्द विद्रोहियों से जुड़ी समस्या का समाधान ओकलान के अलगाव को खत्म करने से शुरू होना चाहिए. नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी जो हमेशा PKK और उसके नेताओं के साथ किसी भी बातचीत के खिलाफ रही है. ऐसे में उसके नेता की ओर से की गई इस मांग को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि एर्दोआन सरकार कुर्द समस्या का निपटारा करने के लिए नए सिरे से प्रयास करना चाह रही है.
एर्दोआन के सहयोगी का बहुत बड़ा ऐलान
बहसेली ने ओकलान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अब्दुल्ला ओकलान का अलगाव खत्म हो जाता है, तो उसे संसद में आकर बोलने देना चाहिए. उन्होंने मांग की ओकलान संसद में आकर कहे कि आतंकवाद पूरी तरह से खत्म हो गया है और उसका संगठन भंग हो गया है. बहसेली ने कहा, ‘अगर ओकलान यह दृढ़ संकल्प और दृढ़ता दिखाते हैं, तो आशा के अधिकार के इस्तेमाल को लेकर कानूनी व्यवस्था की जानी चाहिए और इससे उनके लिए रास्ता खुला होना चाहिए.’
ओकलान की रिहाई नहीं चाहते कुर्द विद्रोही?
दरअसल आशा का अधिकार यूरोपीय मानवाधिकार सम्मेलन के अनुच्छेद 3 के तहत किसी कैदी को जेल रिहा करने का रास्ता है. यह नियम अनिश्चितकालीन जेल की सजा को रोकता है और इसे 25 साल तक सीमित करता है. हालांकि आशा का अधिकार तुर्की के कानूनी कोड पर लागू नहीं होता है, लेकिन डेम पार्टी के एक सांसद ने सितंबर में इसे जोड़ने के लिए संसद में एक मसौदा कानून पेश किया था.
वहीं राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने भी अपने सहयोगी की बातों पर सहमति जताते हुए कहा था कि उनकी सरकार आतंक को समाप्त करने का एक अनोखा मौका दे रही है और किसी को भी व्यक्तिगत लाभ के लिए इस पहल का विरोध नहीं करना चाहिए. एर्दोआन के इस बयान से माना जाने लगा कि बहसेली ने जो कुछ भी कहा है वह एर्दोआन की सहमति से कहा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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