दुनियां – एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस में PM मोदी और जर्मन चांसलर का संबोधन, भारत-जर्मनी के रिश्तों पर कही ये बात – #INA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस 2024 को संबोधित किया. उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के भारत दौरे पर खुशी जताई. पीएम ने कहा कि यह बहुत स्पेशल दिन है क्योंकि मेरे दोस्त ओलाफ शोल्ज चौथी बार भारत दौरे पर आए हैं. उन्होंने कहा कि जर्मन चांसलर का दौरा भारत-जर्मनी के संबंधों पर उनके फोकस को दिखाता है.
12 साल बाद भारत एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस की मेजबानी कर रहा है. पीएम ने कहा कि एक ओर CEO फोरम की मीटिंग चल रही है और दूसरी ओर दोनों देशों की नौसेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं, यह दर्शाता है कि हर स्तर पर भारत और जर्मनी के संबंध मजबूत हो रहे हैं.
भारत-जर्मनी की मजबूत पार्टनरशिप-मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत-जर्मनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का 25वां वर्ष है और अब आने वाले 25 सालों में हम इस पार्टनरशिप को नई बुलंदी देने वाले हैं. पीएम ने कहा कि हर मोड़ और मोर्चे पर भारत और जर्मनी की दोस्ती गहरी हो रही है, हमने आने वाले 25 सालों में विकसित भारत का रोड मैप बनाया है, जिसके तहत विश्व की सशक्त डेमोक्रेसी के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी ने भारत पर जो भरोसा जताया है वो अद्भुत है. भारत और जर्मनी का द्विपक्षीय कारोबार 30 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया है, जो दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों को दर्शाता है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र-ओलाफ
वहीं जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक सफलता के लिए सच्चे, वास्तविक और समावेशी लोकतंत्र की जरूरत होती है. आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से मिल रहे हैं जो दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र का विस्तार कर रहा है, यह एक ऐसा देश है जो दुनिया के दिल में सबसे डायनामिक क्षेत्र- एशिया पैसिफिक में स्थित है. ऐसे में देखा जाए तो एशिया-पैसिफिक कॉन्फ्रेंस सही समय पर सही स्थान पर आयोजित हो रही है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link