दुनियां – भारत-चीन के बीच समझौते पर US का बयान, बताया क्या उसने कराई दोस्ती? – #INA

अमेरिका ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन पर तनाव में कमी का स्वागत किया है. उसने कहा है कि उसे इस संबंध में नई दिल्ली की ओर से जानकारी दी गई है. अमेरिका ने ये भी बताया है कि क्या भारत और चीन के बीच दोस्ती उसने कराई है.
अमेरिका ने कहा, हम (भारत और चीन के बीच) घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं. हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के लिए प्रारंभिक कदम उठाए हैं. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम सीमा पर तनाव में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं.
क्या अमेरिका की भूमिका रही?
एक सवाल का जवाब देते हुए मिलर ने कहा कि इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है. हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है और हमें इस बारे में जानकारी दी गई है, लेकिन हमने इस प्रस्ताव में कोई भूमिका नहीं निभाई है.
सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में
भारत और चीन के बीच रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समिट से पहले LAC पर पैट्रोलिंग समझौता हुआ था. दोनों देशों के बीच 2020 से पहले वाली स्थिति पर सहमति बनी थी. समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग नामक दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है.
दोनों पक्षों के बीच समझौतों के अनुपालन में भारतीय सैनिकों ने इन क्षेत्रों में अपने उपकरणों को पीछे ले जाना शुरू कर दिया था. संबंधित प्रक्रिया के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि दोनों टकराव बिंदुओं से वापसी अंतिम चरण में है.
यह प्रक्रिया पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों की वापसी पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद हो रही है. यह चार साल से अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने की दृष्टि से एक बड़ी सफलता है. जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंध खराब हो गए थे. यह दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था. प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैन्य वापसी से संबंधित समझौते का अनुमोदन किया था.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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