दुनियां – इजराइल के अटैक का कब और कैसे जवाब देगा ईरान, सामने आ गई पूरी जानकारी – #INA
ईरान और इजराइल के बीच तनाव बरकरार है. दशकों पुराने दुश्मन अब एक-दूसरे के खिलाफ सीधी जंग लड़ने के मुहाने पर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान कथित तौर पर इजराइल के खिलाफ एक मजबूत हमले की प्लानिंग कर रहा है और यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव यानी 5 नवंबर से पहले हो सकता है.
तेहरान ने इस मिशन को ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ का नाम दिया है, जो कि ईरानी मिलिट्री साइट्स पर हुए इजराइली हमलों का जवाब होगा. ईरान में चल रही प्लानिंग की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से CNN ने बताया है कि ईरान, इजराइल के हवाई हमलों का ‘निर्णायक और घातक’ जवाब देगा.
ईरान-इजराइल के बीच बढ़ा तनाव
इससे पहले एक अक्टूबर को ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2’ के तहत इजराइल पर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. ईरान ने इसे हमास चीफ इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और IRGC कमांडर निलफोरुशन की मौत का बदला बताया था. इस हमले के जवाब में इजराइल ने 26 अक्टूबर को ईरान की कई मिलिट्री साइट्स को निशाना बनाया. इजराइल के इस हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
अमेरिका की ईरान को चेतावनी
अमेरिका ने ईरान से इजराइल पर फिर से हमला न करने की अपील की है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘ईरान को इजराइल की जवाबी कार्रवाई का जवाब नहीं देना चाहिए. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम इजराइल को खुद की रक्षा करने में मदद करेंगे.’
क्या दो गुटों में बंट जाएगी दुनिया?
अमेरिका समेत दुनियाभर के देश ईरान और इजराइल के बीच बढ़े तनाव की स्थिति पर नजर रख रहे हैं क्योंकि यह संघर्ष अगर बढ़ता है तो इससे मिडिल-ईस्ट का पॉलिटिकल लैंडस्केप बदल सकता है. ईरान और इजराइल के बीच सीधी जंग का मतलब है दुनिया के ज्यादातर देशों का दो गुटों में बंट जाना. जहां इजराइल के साथ अमेरिका, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे प्लेयर्स होंगे तो वहीं रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे देश ईरान का साथ दे सकते हैं.
हमले से अमेरिकी चुनाव पर होगा असर!
वहीं ईरान के संभावित हमले का समय काफी अहम है, क्योंकि इसका अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अमेरिका में आगामी चुनावों पर असर पड़ सकता है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जहां संघर्ष से बचने के लिए दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहा है तो वहीं मिस्र और क़तर गाज़ा में युद्धविराम की कोशिशों में जुटे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि गाज़ा में युद्धविराम होने और फिलिस्तीनियों पर हो रहे आक्रमण में कमी आने से ईरान का गुस्सा कम हो सकता है. यह प्रयास बिल्कुल वैसा है जैसा हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान और इजराइल के बीच तनाव को कम करने के लिए किया गया था.
1000 मिसाइलों से हमला करेगा ईरान?
दरअसल इजराइल के हमले से पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अगर इजराइल के हमले में ईरान में नागरिक मारे जाते हैं या ईरानी के ऊर्जा ढांचे को ज्यादा नुकसान पहुंचता है तो तेहरान इजराइल पर एक हजार बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर सकता है. इसके अलावा, ईरान गल्फ शिपिंग को भी निशाना बना सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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