दुनियां – चाहकर भी नहीं सुधर पा रहे सऊदी और ईरान के रिश्ते, सामने आ गई असली वजह – #INA
सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्तों को सुधारने की भरपूर कोशिश की जा रही है. बावजूद इसके दोनों देश खुले दिल से एक-दूसरे के साथ नहीं आ पा रहे. सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने अपने ताजा बयान में दोनों मुल्कों के रिश्तों में तल्खी की असल वजह बता दी है.
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने गुरुवार को कहा कि सऊदी-ईरान संबंध सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय गतिशीलता के कारण यह जटिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हम इसे लेकर ईरानियों के साथ बहुत स्पष्ट और ईमानदार बातचीत कर रहे हैं.
यमन की वजह से नहीं सुधर पा रहे रिश्ते?
रियाद में आयोजित वार्षिक निवेश सम्मेलन के दौरान सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल ने कहा कि, ईरान के साथ हमारे संबंधों में मतभेद यह था कि हमारे दृष्टिकोण से ईरान का क्षेत्रीय व्यवहार (खास तौर पर यमन को लेकर) स्थिरता के अनुकूल नहीं था और यही वजह है जिसके बारे में हम ईरानियों के साथ बहुत साफ और ईमानदार बातचीत कर रहे हैं. प्रिंस फैसल ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि हम उन बातचीत को इस तरह से कर रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’ उन्होंने बताया कि यह मुद्दा बीजिंग में हुई बातचीत का हिस्सा था.
सऊदी-ईरान के बीच चीन ने कराई सुलह
दरअसल सऊदी अरब और ईरान के बीच विवाद तब बढ़ गया जब 2015 में सऊदी ने एक शिया धर्मगुरु को फांसी की सजा दे दी. इसके विरोध में तेहरान स्थित सऊदी दूतावास में प्रदर्शनकारी घुस गए, जिसके बाद सऊदी अरब ने ईरान के साथ अपने डिप्लोमेटिक संबंध खत्म कर दिए. लेकिन पिछले साल चीन की मध्यस्थता में दोनों देशों के अधिकारियों ने कूटनीतिक रिश्ते बहाल करने की घोषणा की. बीजिंग में हुए इस समझौते को बेहद अहम माना जाता है क्योंकि अमेरिका भी सऊदी और इजराइल के बीच संबंध सामान्य करने की कोशिश में जुटा हुआ था.
यमन को लेकर क्या है विवाद?
यमन में 2011 से जारी सत्ता संघर्ष और गृह युद्ध को लेकर सऊदी और ईरान दोनों अलग-अलग गुटों में बंटे हैं. जहां ईरान यमन के हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है तो वहीं सऊदी अरब उनके खिलाफ है. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की एक सेना है जो हूती विद्रोहियों का मुकाबला करती है.
हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया जैदी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और यही वजह है कि शिया बहुल मुल्क ईरान उसका कट्टर समर्थक है. यही वजह है कि ईरान और सऊदी के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं. सऊदी अक्सर ईरान पर हूतियों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाता रहा है हालांकि ईरान ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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