दुनियां – किम जोंग उन की एक टेढ़ी चाल से घुटनों पर आ गया अमेरिका, सबसे बड़े दुश्मन से लगानी पड़ी गुहार – #INA
नॉर्थ कोरिया पर रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के आरोप लग रहे हैं, हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नॉर्थ कोरियाई सैनिकों के जंग में शामिल होने से रूस को यूक्रेनी इलाकों पर तेजी से कब्जा करने में कामयाबी मिली है.
किम जोंग उन की इस चाल से अमेरिका और उसके सहयोगी टेंशन में हैं. यही वजह है कि अब अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया को रोकने के लिए चीन से गुहार लगा रहा है. दरअसल आरोप हैं कि किम जोंग ने यूक्रेन के खिलाफ रूस को न केवल हथियार सौंपे हैं बल्कि नॉर्थ कोरियाई सैनिक भी जंग के मैदान में लड़ने के लिए भेजा है.
US-दक्षिण कोरिया की चीन से अपील
सबसे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह दावा किया था, जिसके बाद अमेरिका और साउथ कोरिया ने भी इन आरोपों में यूक्रेन का साथ दिया. वहीं अब तनाव को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने चीन से रूस और उत्तर कोरिया पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की अपील की है.
अमेरिका ने चीन से लगाई गुहार!
जानकारी के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में एक अहम बैठक हुई. तीन शीर्ष अमेरिकी राजनयिकों ने अमेरिका में चीन के राजदूत से मुलाकात की और इस मामले में अमेरिकी चिंताओं पर जोर दिया. अमेरिका के विदेश विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि, अमेरिकी राजनयिकों ने चीन से अपील की है कि वह उत्तर कोरिया के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर युद्ध में रूस को मिलने वाले सहयोग को कम करने का प्रयास करे.
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को वॉशिंगटन में जानकारी दी कि दोनों पक्षों के बीच ‘इस सप्ताह एक मजबूत बातचीत हुई’ और चीन जानता है कि अमेरिका की अपेक्षाएं हैं कि वह उत्तर कोरिया की इन गतिविधियों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा. लेकिन मुझे लगता है कि यह एक मांग संकेत है जो न केवल हमसे, बल्कि दुनिया भर के देशों से आ रहा है.
हमारे रुख में कोई परिवर्तन नहीं- चीन
वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन संकट पर चीन की स्थिति अविरोधी और साफ है. चीन शांति वार्ता और यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए कोशिश कर रहा है और हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. लियू ने कहा कि चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा.
वहीं अमेरिका का कहना है कि 8,000 उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन की सीमा के पास रूस में हैं और आने वाले दिनों में यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ क्रेमलिन की लड़ाई में मदद करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि चीन ने अभी तक इस कदम पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है.
रूस और नॉर्थ कोरिया का करीबी है चीन
चीन और रूस की साझेदारी किसी भी सीमा से परे है और जबकि यह नॉर्थ कोरिया का एक प्रमुख सहयोगी भी रहा है, ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि बीजिंग, रूस और उत्तर कोरिया के बीच घनिष्ठ सैन्य साझेदारी को स्वीकार नहीं कर सकता है क्योंकि वह इसे क्षेत्र में अस्थिरता के रूप में देखता है. चीन के रेनमिन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ शी यिनहोंग ने कहा कि रूस-उत्तर कोरिया साझेदारी बीजिंग के शांतिपूर्ण कोरियाई प्रायद्वीप के लक्ष्य के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि बीजिंग मौजूदा स्थिति की जटिलता और खतरे को अच्छी तरह समझता है और चीन की ओर से इस मामले में अब तक कोई टिप्पणी न करना दिखाता है कि वह रूस और नॉर्थ कोरिया के सैन्य गठबंधन से असहमत है.
चीन की चुप्पी चौंकाने वाली-एक्सपर्ट्स
वहीं जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका-चीन संवाद पहल के सीनियर फेलो डेनिस वाइल्डर ने उत्तर कोरिया के कदम पर बीजिंग की ‘चुप्पी’ को चौंकाने वाला कहा है. उन्होंने कहा कि चीन को रूस का समर्थन करने और पश्चिम को नाराज़ न करने के बीच संतुलन बनाना चाहिए. हालांकि उनका कहना है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने हित के लिए इस पूरी बात को अनदेखा कर सकते हैं.
वाइल्डर ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाए हैं और वह पुतिन को नाकाम होते नहीं देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब चीन की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है, तो ऐसे समय में जिनपिंग यूरोपीय और अमेरिकियों को नाराज़ नहीं कर सकते. और शायद यही वजह है कि उन्होंने इस बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link