दुनियां – ईरान के टारगेट पर इजराइल के ये ठिकाने, 72 घंटे में कर सकता है जवाबी हमला – #INA

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने इजराइल से बदले का ऐलान कर दिया है. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्लैटफॉर्म हमले के लिए स्ट्रैटेजिक लोकेशन पर तैनात कर दिए गए हैं. IRGC कमांडर ने कहा है कि इजराइल पर अब बड़े हमले किए जाएंगे. उधर इजराइल ने भी ऐलान कर दिया है कि ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकना उसका सबसे बड़ा लक्ष्य है.
क्या ईरान और इजराइल का ये संघर्ष महासंग्राम में बदलने वाला है? क्या हो सकते हैं ईरान के संभावित टारगेट और इजराइल कैसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने की योजना बना रहा है? आइये जानने की कोशिश करते हैं.
क्या हो सकते हैं ईरान का टारगेट?
ईरान के टारगेट पर भूमध्य सागर में बने इजराइल के ऑयल और नेचुरल गैस फील्ड हो सकते हैं, इनमें पहला है नोआ-1 है. ये इजराइल का नेचुरल गैस रिज है, ये गैस रिज इजराइल के तटीय शहर अश्केलोन से 40 किलोमीटर दूर है. इजराइल यहां 1999 से गैस निकासी कर रहा है.
ईरान का दूसरा टारगेट बन सकता है मारी-B , ये भी इजराइल का नेचुरल गैस रिज है. इजराइल का ये गैस रिज भू मध्य सागर में नोआ-वन से 15km आगे है, इस फील्ड में 45 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस भंडार है. इजराइली पेट्रोलियम मंत्रालय यहां 2004 से गैस निकासी कर रहा है.
ईरान का तीसरा टारगेट बन सकता है तमार गैस फील्ड, ये भी नेचुरल गैस रिज है. ये रिज इजराइल के हाइफा शहर से 90 किलोमीटर दूर भूमध्य सागर में है, यहां भी 1999 से गैस निकासी की जा रही है.
ईरान का चौथा टारगेट हो सकता है लेवियाथन गैस फील्ड, ये भी इजराइल का नेचुरल गैस रिज है. ये तमार गैस रिज से पश्चिम में 30 किलोमीटर आगे है, ये 810 बिलियन क्यूबिक मीटर वाला इजराइल का सबसे बड़ा गैस फील्ड है.
इसके अलावा ईरान की मिसाइलें कारिश, तापिन और डॉल्फिन ऑयल, गैस रिज पर भी बरस सकती हैं
इजराइल के ये गैस और ऑयल रिज एफ्रोडाइट नेचुरल फील्ड में बने हुए हैं. ये तीनों रिज साइप्रस के पश्चिम में हैं और साइप्रस तट से 40 दूर किलोमीटर हैं.
अमेरिकी चुनाव से पहले हो सकता है हमला
5 नवंबर को अमेरिका में मतदान होना है और दावा किया जा रहा है उससे पहले ही ईरान इजराइल पर हमले कर सकता है. ईरान इजराइल को जवाब देने में देरी करना नहीं चाहता है, उसका मकसद है प्रॉक्सी के हौसले बुलंद रखना और इजराइल पर हमले करने से प्रॉक्सी संगठनों का जोश बढ़ाना है.
इजराइल की तैयारी
ईरान इजराइल पर हमलों का प्लान बना रहा है और दूसरी तरफ इजराइल ने ऐलान कर दिया है कि बतौर राष्ट्र ईरान की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा कभी पूरी नहीं होने दी जाएगी. इजराइल जिस लक्ष्य के बारे में बात कर रहा है ईरान उसके बहुत करीब है, ईरान परमाणु बम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है और बहुत जल्द बम बना सकता है.
इसका मतलब साफ है कि अगर इजराइल ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकना चाहता है तो नो बहुत जल्द ऑपरेशन शुरू करने वाला है. इजराइल के पास ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के दो विकल्प हैं और पहला जरा कठिन है
इजराइल के विकल्प
पहला विकल्प है ईरान के परमाणु संयंत्रों पर मिसाइल हमले करना, लेकिन ये मुश्किल काम है, ईरान के परमाणु संयंत्र बहुत गहराई में बने हैं और इजराइल के पास ऐसे हथियार नहीं जो पहाड़ों को चीरकर 200 मीटर गहरे हमले कर सकें. इसके अलावा अमेरिका से भी इजराइल को परमाणु संयंत्रों पर हमले की अनुमति मिलनी मुश्किल है. अगर इजराइल ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले करता है तो रूस सीधे जंग में उतर सकता है. दूसरा विकल्प है परमाणु संयंत्रों पर साइबर हमले करना, ये इजराइल पहले भी कर चुका है.
साल 2005 में इजराइल ने स्टक्सनेट नाम का एक वायरस तैयार किया था. ईरान के परमाणु केंद्रों के कंप्यूटर पर स्टक्सनेट वायरस से हमला किया गया. इस हमले में ईरान के सभी यूरेनियम सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गए थे. लेकिन तब हालात दूसरे थे और अब बहुत ज्यादा घातक, किसी भी तरह इजराइल ने ईरान पर या ईरान ने इजराइल पर हमले किए तो पूरा अरब बारूदी अग्नि में झुलसने लगेगा.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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