दुनियां – अमेरिका में मिस्टर Vs मैडम… 7 स्विंग स्टेट ने बढ़ाई टेंशन, कौन किस पर पड़ेगा भारी? – #INA
अब से चंद घंटों बाद दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में करोड़ों वोटर अपना अगला राष्ट्रपति चुनेंगे. अगर कमला हैरिस की जीत हुई तो वो अमेरिका के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति होंगी और अगर ट्रंप जीते तो पिछले 100 साल में ये पहली बार होगा जब वो 3 टर्म में 2 बार राष्ट्रपति बनेंगे, लेकिन ये सिर्फ अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव नहीं है. ये 2 अलग विचारधाराओं वाले उन उम्मीदवारों के बीच टक्कर है जिनमें से एक जीत पर ग्लोबल ऑर्डर बदल सकता है.
एक उम्मीदवार की जीत की बुनियाद पर अमेरिका के दूसरे शक्तिशाली देशों से रिश्ते टिके हैं. अमेरिका बेशक पहले की तरह उतना शक्तिशाली न रहा हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को चलाने के लिए सबसे बड़ा दानदाता अभी तक अमेरिका ही है. अमेरिका में जो भी फैसला होता है, उसका भारत ही नहीं पूरे विश्व की राजनीति पर असर पड़ता है. हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अमेरिकी चुनाव में इस बार जीत किसकी होगी. ऐसे में सबसे पहले अमेरिका इलेक्टोरल सिस्टम समझते हैं और वो स्विंग स्टेट्स कौन हैं जो कभी-भी बाजी पलट सकते हैं.
अमेरिका का इलेक्टोरल सिस्टम
कुल राज्य- 50
कुल इलेक्टोरल कॉलेज वोट-538
बहुमत- 270 या उससे अधिक वोट
पिछले चुनाव की बात करें तो 2020 में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन को 306 इलेक्टोरल वोट वोट मिले थे जबकि रिपब्लिकन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट मिले थे
अमेरिकी चुनाव में कमला हैरिस लगातार मिडिल क्लास वाला दांव चल रही हैं. वो आए दिन सोशल मीडिया पर अपनी मां के साथ बचपन की तस्वीर शेयर कर रही हैं. इसके अलावा वो ये भी कह चुकी हैं कॉलेज के दिनों में उन्होंने मैकडॉनल्ड्स में काम किया था. इसीलिए वो मिडिल क्लास के बेहद करीब हैं.
कमला हैरिस वीडियो जारी कर कहती है, मैं मिडिल क्लास से आती हूं. मुझे पता है मेरा बैकग्राउंड क्या है और मैं ये कभी नहीं भूलने वाली और मैं हमेशा मिडिल क्लास में काम करने वाले लोगों को आगे रखूंगी. ये हमेशा मेरी प्राथमिकता में रहेगा. ट्रंप ने इसका जवाब खुद मैकडॉनल्ड्स में काम करके दिया. उन्होंने न सिर्फ फ्रेंच फ्राईज बनाई बल्कि ड्राइव थ्रू पर आम लोगों से बात भी की. जब ट्रंप ने मैकडॉनल्ड्स में काम किया तो वो ये भी कहना नहीं भूले कि उन्होंने कमला हैरिस से 15 मिनट ज्यादा काम किया है.
चुनाव प्रचार में तानाशाह हिटलर की भी एंट्री
इस राष्ट्रपति चुनाव में द्वितीय विश्व युद्ध के तानाशाह हिटलर की भी एंट्री हो चुकी है. कमला ने ट्रंप को हिटलर का फैन बताते हुए कहा कि ट्रंप हिटलर जैसा अमेरिकी जनरल चाहते थे. कमला ने एक सभा में कहा कि कल ही हमें पता चला है कि डॉनल्ड ट्रंप के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ 4 स्टार रिटायर्ड जनरल जॉन केली ने कहा है कि जब डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे तब वो एडोल्फ हिटलर जैसे जनरल चाहते थे. डॉनल्ड ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि वो ऐसी मिलिट्री नहीं चाहते जो कि अमेरिका के संविधान के प्रति वफादार हो बल्कि वो ऐसी मिलिट्री चाहते हैं जो कि उनके लिए वफादार हो.
ट्रंप ने खुद तो हैरिस को जवाब नहीं दिया, लेकिन उनके सपोर्टर्स बाइडेन सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. रिपब्लिकन सांसद जॉश हॉली ने कहा कि ट्रंप पर गोली चली. उनके सिर में गोली मारने की कोशिश की गई. गोल्फ कोर्स में दूसरी बार ट्रंप पर हमला हो सकता था. ये चमत्कार ही है कि ट्रंप अब तक जिंदा हैं और एक बेगुनाह की मौत हुई जो बटलर की रैली में गया था और वो लोग अब भी ट्रंप को हिटलर कह रहे हैं.
क्यों याद रखा जाएगा यह चुनाव?
ये अमेरिकी चुनाव इसलिए भी याद रखा जाएगा क्योंकि इस बार ट्रंप को 2 बार जान से मारने की कोशिश हुई. एक बार तो ट्रंप बाल-बाल बचे. एक गोली उनके कान को छूकर निकल गई. 3 महीने बाद जब ट्रंप पेंसिलवेनिया के उस स्टेज पर थे तब उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भी उस थर्राने वाले लम्हे को याद करते हुए की.
ट्रंप ने कहा कि ठीक 12 हफ्ते पहले इसी तरह की एक शाम को एक हत्यारा मेरी आवाज बंद करने और इस महान मूवमेंट मेगा (Make America Great Again) को बंद करने आया था. 16 सेकंड गनफायर के उन डराने वाले लम्हों में उस हत्यारे ने लगातार गोलियां चलाईं, लेकिन भगवान की दया से वो खलनायक कामयाब नहीं हो पाया. इसी रैली में पहली बार टेस्ला के मालिक एलन मस्क भी दिखाई दिए. उन्होंने उछलकर खास अंदाज में स्टेज पर एंट्री ली. इसके बाद ट्रंप के सपोर्ट बड़ी-बड़ी बातें भी की.
एक तरफ कमला लगातार अमेरिका को बेहतर बनाने के दावे कर रही हैं तो वहीं ट्रंप ने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का वादा किया है. दुनिया की नजर उन पर इसलिए भी है, क्योंकि उन्होंने युद्ध रुकवाने का वादा किया है. चाहें रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर पश्चिम एशिया में छिड़ी वॉर. एक दिन पहले ही पुतिन ने ट्रंप के उस वादे को याद किया.
पुतिन ने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर ट्रंप कह रहे हैं कि वो यूक्रेन में युद्ध रुकवा देंगे. हम इसे गंभीरता से लेते हैं. मुझे ये नहीं पता कि आखिर वो ऐसा किस तरह करने वाले हैं. ये अहम सवाल है, लेकिन अगर वो ऐसा करने में सक्षम हैं तो हम इसका समर्थन करते हैं. ऐसे में सभी की नजर इस पर है कि क्या ट्रंप ऐसा कुछ कर पाएंगे, लेकिन अमेरिकी चुनाव में स्विंग स्टेट कभी-भी बाज़ी पलट सकते हैं.
अमेरिका के स्विंग स्टेट कौन-कौन?
अमेरिका में कुल 7 ऐसे राज्य हैं जिनकी चर्चा इस बार स्विंग स्टेट के रूप में हो रही है. इन सात राज्यों में 93 सीटें हैं. सात राज्यों में विस्कॉन्सिन (10 सीट), मिशिगन (15 सीट), पेंसिल्वेनिया (19 सीट), नेवादा (6 सीट), एरिजोना (11 सीट), नॉर्थ कैरोलिना (16 सीट ) और जॉर्जिया (16 सीट) है. इन स्विंग स्टेट में कांटे की टक्कर है.
कमला हैरिस जहां इजरायल-हमास जंग की वजह से अपने समर्थकों के निशाने पर हैं तो वहीं ट्रंप लीडर्स से अपनी नजदीकियों का जिक्र कर रहे हैं. इसमें प्रधानमंत्री मोदी का भी नाम है. एक इंटरव्यू में ट्रंप ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है.
ट्रंप ने कहा, PM मोदी… भारत.. हां वो मेरे अच्छे दोस्त हैं.. बढ़िया हैं.. वो सबसे अच्छे हैं… भारत महान देश है.. वो मेरे दोस्त हैं. हमने ह्यूस्टन, टेक्सास में हाउडी मोदी कार्यक्रम किया जो बहुत अच्छा था. पूरा स्टेडियम लोगों से भरा हुआ था. 80 हजार लोग पागल हो रहे थे फिर हम लोग साथ में वहां घूम रहे थे, लेकिन हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं. वो अच्छे इंसान हैं. लेकिन हमारे पास कुछ ऐसे मौके आए जब कोई भारत को धमकी दे रहा था. मैंने कहा, मुझे मदद करने दीजिए तब मोदी जी ने कहा- मैं संभाल लूंगा. मैं जो भी जरूरी होगा वो करूंगा.
ऐसे में ये समझना होगा कि कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों में से भारत को किससे फायदा हो सकता है. जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटी के विश्लेषण के मुताबिक कमला हैरिस की जीत से US फेडरल रिजर्व का रुख भारत के प्रति थोड़ा नरम रह सकता है.
किसकी जीत से भारत को क्या फायदा?
कमला हैरिस अगर जीतती हैं तो RBI घरेलू दरों में कमी कर सकता है, जिससे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को फायदा हो सकता है. जबकि ट्रंप की जीत से RBI ऊंची ब्याज दरें लगाना जारी रख सकता है.
कमला की जीत भारत में जीवन बीमा कंपनियों के लिए अनुकूल हो सकती है जबकि डॉनल्ड ट्रंप की जीत बीमा कंपनियों के लिए नकारात्मक हो सकता है.
कमला हैरिस की जीत से भारत के IT सेक्टर को खास बूम न मिलने की आशंका है जबकि जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटी ने अनुमान लगाया है कि ट्रंप की जीत से भारत के IT सेक्टर को फायदा हो सकता है. लागत बढ़ सकती है, लेकिन ऑपरेश्नल समस्याएं नहीं होंगी.
कमला अगर जीतती हैं तो भारत का फार्मास्युटिकल सेक्टर ज्यादा प्रभावित नहीं होगा जबकि ट्रंप की जीत से दवाओं के एक्सपोर्ट पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन मेडिकेयर डील्स कम हो सकती हैं.
कमला हैरिस की जीत से भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर ज्यादा प्रभाव न पड़ने की संभावना है.. वहीं ट्रंप अगर जीतते हैं तो वो चाइनीज इंपोर्ट पर टैक्स बढ़ा देंगे जिससे अमेरिका में भारत का ऑटो एक्सपोर्ट बढ़ सकता है..
फिलहाल अमेरिका में चुनावी कैम्पेन अपने आखिरी घंटों में है. अमेरिका के करोड़ों वोटरों को लुभाने के लिए कमला हैरिस और डॉनल्ड ट्रंप दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
(ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष)
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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