दुनियां – US Election Ground Report: 16 करोड़ वोटर, 50 स्टेट, वोट के लिए लगी कतारें… ट्रंप या हैरिस कौन होगा अमेरिका का नया BOSS? – #INA
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान चल रहा है, सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की कतारें लगी हुई हैं. यहां कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच रोचक टक्कर देखने को मिल रही है. अभी तक लगभग सभी सर्वे दोनों नेताओं को बराबरी पर दिखा रही हैं. यहां 16 करोड़ वोटर हैं जो अमेरिका की 50 स्टेट में वोट डालेंगे. भारतीय समय के अनुसार कल सुबह साढ़े नौ बजे ईस्ट अमेरिका में मतदान होगा. उसके बाद नए राष्ट्रपति का ऐलान होगा. हालांकि नए राष्ट्रपति कार्यभार जनवरी में संभालते है.
मंगलवार की सुबह, Tv9 की टीम न्यूयॉर्क के यूनिटी सेंटर पहुंची, जो टाइम्स स्क्वायर से कुछ ही दूरी पर है, तो वहाँ 20 से अधिक लोग पहले ही मतदान करने के लिए कतार में खड़े थे. मतदान केंद्र पर लोगों का आना लगातार जारी था और इसी प्रकार दिनभर मतदान चलता रहेगा. यहां मतदान का समय सुबह छह बजे से शुरू होकर रात नौ बजे तक रहता है, ताकि सभी लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें.
अमेरिका में छुट्टी के बिना ही मतदान
जहाँ भारत में चुनाव के दिन सरकारी छुट्टी होती है, वहीं अमेरिका में ऐसा नहीं है. सरकारी और निजी कार्यालय खुले रहते हैं. लोग अपने काम पर जाने से पहले मतदान केंद्र पर पहुँचकर वोट डालने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इसका एक कारण यह भी है कि यहाँ के लोगों को अर्ली वोटिंग की सुविधा मिलती है, जो चुनाव से दो हफ्ते पहले शुरू हो जाती है. राष्ट्रपति जो बाईडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस सहित आठ करोड़ से अधिक मतदाता पहले ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं.
अलग-अलग राज्यों में अलग नियम
भारत के विपरीत, अमेरिका में मतदान के लिए किसी एकीकृत पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होती. यहाँ हर राज्य के अपने नियम होते हैं—कुछ राज्यों में केवल गाड़ी के नंबर प्लेट बताने पर ही वोट दिया जा सकता है. मतदान केंद्रों पर सामान्य पुलिस या सुरक्षाकर्मी होते हैं, और लोगों का आना-जाना स्वाभाविक ढंग से होता है.
भारतीय चुनाव की तरह गुप्त मतदान और वालंटियर्स की भूमिका
अमेरिका में भी भारतीय चुनाव की तरह गुप्त मतदान प्रक्रिया होती है. यहाँ का बैलेट पेपर केवल राष्ट्रपति के लिए नहीं, बल्कि सीनेट, प्रतिनिधि सभा, गवर्नर, अटॉर्नी जनरल, काउंटी के शेरिफ़, और डिस्ट्रिक्ट लेवल के जजों जैसे विभिन्न पदों के लिए भी होता है, जिसके चलते बैलेट कई पन्नों का होता है. एक युवा वालंटियर निकोलस, जो मतदान प्रक्रिया में मदद कर रहे थे, ने बताया कि वे चुनाव में कुछ योगदान देने की चाहत से वालंटियर बने हैं. उनका काम लोगों को पंक्ति में रखना और प्रक्रिया समझाने में मदद करना है. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण के बाद नियुक्त किया गया और एक निश्चित धनराशि भी दी जा रही है.
चुनावी माहौल और प्रत्याशियों का समर्थन
अमेरिकी चुनावों में देखा गया है कि रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक मुख्यत: चुनावी दिन पर ही वोट डालना पसंद करते हैं. डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पार्टी के समर्थक बाहर निकलकर वोट डालने को जनता का समर्थन मान रहे हैं. चुनावी हलचल में लोग अक्सर एक-दूसरे से यह पूछते नजर आते हैं कि आखिर कौन जीतेगा.
अमेरिकी और भारतीय चुनाव प्रणाली में अंतर
भारत और अमेरिका की चुनाव प्रणाली में काफी अंतर हैं. जहाँ भारत में चुनाव का दिन एक त्यौहार के समान होता है, वहाँ अमेरिका में यह दिन एक सामान्य कार्य दिवस होता है. भारत में आधार कार्ड, वोटर कार्ड या पहचान पत्र आवश्यक होता है, जबकि अमेरिका में राज्यों के हिसाब से नियम बदल जाते हैं.
मतदाताओं का उत्साह और मीडिया का अनुभव
न्यूयॉर्क में लोगों में उत्साह देखने लायक है. टीवी 9 की टीम ने सुबह से ही यह महसूस किया कि लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कैसे जुटे हुए हैं. अमेरिका की यह चुनावी प्रक्रिया दिखाती है कि कैसे हर देश के अपने अनूठे तरीके और व्यवस्थाएँ होती हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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