दुनियां – जंग से इजराइल का बुरा हाल, धार्मिक कामों में लीन यहूदियों को भी करने लगा सेना में भर्ती – #INA

पिछले एक साल से जारी गाजा युद्ध इजराइल पर हर लिहाज से असर डाल रहा है. युद्ध की वजह से देश का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है, पर्यटन और पोर्ट व्यापार पूरी तरह बंद है. दूसरी तरफ लेबनान-गाजा में इजराइल की अमानवीय कार्रवाई के बाद उसे अंतरराष्ट्रीय विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अब युद्ध की वजह से देश और धार्मिक कानूनों में बदलाव करने की नौबत आ गई है.
इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने सोमवार को देश के अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को सेना सेवा में दी जाने वाली छूट को समाप्त कर दिया. इस समुदाय के लिए 7 हजार नए आर्मी ड्राफ्ट ऑर्डर जारी किया गया है. यह कदम जून में इजराइल की सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उठाया गया है, जून में कोर्ट ने कहा था कि अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को सेना में मिलने वाली छूट नहीं दी जा सकती है. इस फैसले के बाद अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स ने इजराइल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किए थे.
अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स की सेना में भर्ती क्यों नहीं?
इजराइल में सेना के लिए कुछ साल काम करना हर नागरिक के लिए अनिवार्य है और यहां के कानून के हिसाब से देश को जरूरत पड़ने पर उन्हें किसी भी समय सेना में भर्ती कर लिया जाता है. लेकिन अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को 1948 में इजराइल के गठन बाद से ही इसमें छूट दी गई थी. ये छूट उनको धार्मिक पढ़ाई और धार्मिक कामों के चलते दी गई थी. इजराइल का नया आदेश देश के करीब 66,000 अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स को प्रभावित करेगा, जिन्हें सैन्य सेवा में अब तक छूट मिल रही थी.
कौन हैं अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स?
इजराइल में अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स यहूदियों को हिब्रू में हरेदीम कहा जाता है. ये इजराइल का सबसे ज्यादा धार्मिक समुदाय है. इस समुदाय के लोग धार्मिक शिक्षा में लीन रहते हैं और सख्त जीवन शैली का पालन करते हैं या यूं कहें कि ऐश-ओ-आराम की सुविधाओं से दूर रहते हैं. इजराइल में इनकी अपनी राजनीतिक पार्टी भी है, जिसे शास कहा जाता है.
/AFP
अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स ज्यादातर जायोनी विचारधारा के विरोधी हैं और फिलिस्तीन के लोगों के लिए अपना नरम रुख रखते हैं और उसका समर्थन भी करते हैं. बता दें कि जायोनी विचारधारा एक कट्टर विचारधारा है, जो अरबों के विनाश और कई अरब देशों की जमीन पर ग्रेटर इजराइल बनाने की बात करती है.
क्यों की गई छूट समाप्त?
इजराइल के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सुरक्षा चुनौतियों और वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. इजराइल इस समय गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह से जंग लड़ रहा है और अतिरिक्त सैनिकों की जरूरत को देखते हुए सेना में व्यापक भर्ती की जा रही है. रक्षा मंत्री गैलेंट ने छूट समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा, “युद्ध और इसके साथ आने वाली चुनौतियां की वजह से सैनिकों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.”

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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