दुनियां – मां की कब्र पर क्यों सोता है 8 साल का जीन यूसुफ? दिल दहला देने वाली है गाजा की ये कहानी – #INA
हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष को एक साल से भी अधिक का समय हो चुका है, लेकिन फिलहाल शांति की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. इस संघर्ष ने आम लोगों की जिंदगी पर गहरा असर डाला है. बुनियादी सुविधाओं की कमी और संपत्ति का नुकसान तो है ही, साथ ही जिंदगी की सबसे जरूरी चीजें भी उनसे छिन गई हैं. गाजा के एक छोटे से लड़के, आठ साल के जीन यूसूफ की कहानी इस दुख की असली तस्वीर पेश करती है. जीन अपनी मां से बहुत प्यार करते थे, लेकिन पिछले महीने एक इजराइली हमले में उनकी मां की मौत हो गई. अब हर रात जैन अपनी मां की कब्र पर सोते हैं. वे कहते हैं, “मैं अपनी मां को गले लगाना चाहता हूं. जब मैं उनकी कब्र पर सोता हूं और उसे चूमता हूं, तो मेरा दिल रुक जाता है. मुझे लगता है कि मेरी मां मेरे दिल में आ जाती है.”
जीन के पास अपनी मां के खोने का गहरा दर्द है, लेकिन उसका यह तरीका है जिससे वह अपनी मां के करीब महसूस करता है. जीन कहते कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेंगे ताकि वो अपनी मां को ठीक कर सके, क्योंकि उसकी मां बीमारी से बहुत परेशान थी. लेकिन अब युद्ध ने उसकी जिदंगी को ऐसे पलट दिया कि वह अपने घर, अपनी मां और अपने बचपन की यादों से दूर हो गए.
मां गुस्सा मत हो, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं- जीन
जीन का सपना है कि वह एक दिन अपने पुराने घर लौट सके, जहां उसकी मां की यादें हैं. वह उन जगहों को फिर से देखना चाहता है जहां उसकी मां खाना बनाती थी, उसे देखती थी, और उसकी देखभाल करती थी. उनके पिता बताते हैं कि उनके बेटे ने अपनी मां की दो तस्वीरें अपने फोन पर सहेज रखी हैं. वह अक्सर फोन उठाकर उससे बात करने का नाटक करता है और कहता है, “मां गुस्सा मत हो, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं.” फिर वह उसकी मुस्कुराती हुई तस्वीर देखकर कुछ पल के लिए शांति महसूस करते हैं.
क्या हालात है बच्चों की ?
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक साल में 35,000 से ज़्यादा बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं. इन बच्चों की जिंदगी में न केवल दर्द है, बल्कि एक अनिश्चित भविष्य का डर भी है. जीन जैसे बच्चे अपनी मासूमियत और खुशियों को छोड़कर, इस युद्ध के बीच सिर्फ अपने खोए हुए रिश्तों के साथ जी रहे हैं.
जीन के पिता पहले एक शेफ के रूप में काम करते थे, लेकिन अब उनका परिवार तंबू में रह रहा है. उनका घर युद्ध में नष्ट हो गया और अब वे मध्य गाजा के देयर अल बलाह में रहते हैं, जो एक कब्रिस्तान के पास है. सर्दियों की शुरुआत ने उनकी स्थिति और भी कठिन बना दी है. जीन के पास अब सर्दी से बचने के लिए ढंग के कपड़े नहीं हैं. उसके पिता कहते हैं, “जब मेरा बेटा मुझसे कपड़े मांगता है, तो मैं क्या करूं? वह अब बड़ा हो गया है, उसके पास नए कपड़े नहीं हैं.”
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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