दुनियां – क्या ट्रंप बांग्लादेश में शेख हसीना की कराएंगे वापसी? तख्तापलट पार्ट-2 की आहट – #INA

अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप की जीत के बाद से बांग्लादेश के हालात तेजी से बदलते दिख रहे हैं. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का जोश हाई है जबकि मोहम्मद यूनुस के माथे पर बल पड़ा हुआ है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ढाका से जिस तरह की स्थिति बन रही है और जिस तरह का संग्राम शुरू हुआ है, जिस तरह से अमेरिका में ट्रंप की धमाकेदार जीत के बाद ग्लोबल पॉलिटिक्स करवट ले रही है. वो अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस की चिंता बढ़ाने वाली है.
5 अगस्त को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद तीन महीनों में जो नहीं हुआ वो अब ढाका में शुरू हो चुका है. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता हमलों का शिकार हुए. वो अब अचानक खुलकर यूनुस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. हालांकि अंतरिम सरकार ने उन्हें चेतावनी दी लेकिन वो नहीं माने.
आवामी लीक के कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा
दरअसल, कुछ समय पहले अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के स्टूडेंट विंग ‘स्टूडेंट लीग’ को बैन कर दिया था. संगठन के खिलाफ 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत ये कार्रवाई की गई. स्टूडेंट लीग को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाया गया. इसी के खिलाफ अवामी लीग ने मोर्चा खोल दिया. वो नेता भी बाहर आ गए जो कल तक अंडरग्राउंड थे.
अब सवाल है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि अवामी लीग इतनी आक्रामक हो गई? तो इसका जवाब आपको ढाका से 13 हजार किलोमीटर दूर अमेरिका में मिलेगा. जवाब है डोनल्ड ट्रंप, जो अभी अभी सुपर पावर अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति बने हैं. अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद से ही माना जा रहा था कि बांग्लादेश के पॉलिटिकल समीकरण बदल सकते हैं और देखने को भी कुछ वैसा ही मिल रहा है. उनकी जीत की खबर आते ही अपने मुल्क से बाहर शेख हसीना एक्टिव मोड में आ गई हैं.
जाहिर है अपने सुप्रीम नेता के एक्टिव मोड में आने से शायद बांग्लादेश में ठंडे पड़ चुके कार्यकर्ताओं को भी ग्रीन सिग्नल मिल गया हो. लिहाजा वो भी एक्शन में आ गए. खुद शेख हसीना ने बांग्लादेश की सत्ता में वापसी के लिए बड़ा कूटनीतिक दांव चल दिया है.
शेख हसीना ने ट्रंप को जीत की बधाई भी दी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने ट्रंप को बधाई संदेश दिया. हसीना ने ये संदेश अपनी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के लेटर हेड पर लिखा. लेटर हेड पर सामने ही मोटे अक्षरों में पार्टी का नाम है. इसके नीचे पता 23 बंगबंधु एवेन्यू, ढाका का पता लिखा था. आखिर में बांग्लादेश अवामी लीग के ऑफिस सेक्रेटरी बिप्लब बरुआ के हस्ताक्षर हैं.
इसके अलावा शेख हसीना ने ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की है. इसमें शेख हसीना के साथ उनकी बेटी साइमा वाजिद भी खड़ी हैं. ये सिर्फ एक तस्वीर नहीं है, बल्कि इसमें शेख हसीना की ढाका में वापसी के संकेत भी छुपे हैं. शायद इसलिए बांग्लादेश में अवामी लीग माहौल बनाने में जुट गई है.

President of Bangladesh Awami League Sheikh Hasina congratulates Donald J. Trump on his election as the 47th President of the United States of America.
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The President of the Bangladesh Awami League, (Prime Minister) #SheikhHasina, has congratulated Donald J. Trump on his pic.twitter.com/5F1PeD9oFB
— Awami League (@albd1971) November 6, 2024

ट्रंप और यूनुस के बीच अतीत की यादें अच्छी नहीं
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार पर इसलिए संकट की चर्चा तेज हो गई है क्योंकि उनकी और ट्रंप की अतीत की यादें अच्छी नहीं हैं. ये भी कहा जाता है कि ट्रंप मो यूनुस को बिल्कुल पसंद नहीं करते. माना जाता है कि मोहम्मद यूनुस घोषित तौर पर डेमोक्रेट्स के समर्थक हैं. कई राष्ट्रपति चुनाव में यूनुस ने डेमोक्रेट्स के लिए प्रचार किया है.
रिपोर्ट में दावा है कि यूनुस ने ओबामा के लिए 2 करोड़ रुपये चंदा भी जमा किया था. मोहम्मद यूनुस बिल और हिलेरी क्लिंटन के करीबी रहे हैं. ट्रंप को मोहम्मद यूनुस का विरोधी माना जाता है. ट्रंप ने आरोप लगाया था 2016 में यूनुस ने उन्हें हराने के लिए डोनेशन दिया था. ट्रंप ने एक डेलीगेशन से कहा था- ढाका का माइक्रो फाइनेंसर कहां है.
ट्रंप के समर्थन में निकली रैली के बाद 10 गिरफ्तार
यूनुस अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के कितने बड़े विरोधी हैं इसे आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि ढाका में शनिवार को ट्रंप की जीत के समर्थन में रैली निकालने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. ये घटना आग में घी की तरह काम करने वाली है. मतलब साफ है कि अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अब तो शायद ट्रम्प भी नहीं चाहेंगे कि मोहम्मद यूनुस की कुर्सी बरकरार रहे.
शेख हसीना रिपब्लिकन पार्टी की समर्थक!
वैसे भी शेख हसीना को रिपब्लिकन पार्टी का समर्थक माना जाता है. इसलिए ट्रंप भी यही चाहेंगे कि बांग्लादेश में उनकी वापसी हो और बाइडेन समर्थक यूनुस को बेदखल किया जाए. वैसे भी जब शेख हसीना का तख्तापलट हुआ था तब ये खबरें आई थी कि इसके पीछे बाइडेन प्रशासन का हाथ था.
आपको बता दें कि अपने प्रचार के दौरान डोनल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की खुलकर आलोचना भी की थी. ऊपर से शेख हसीना की रिपब्लिकन से दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में कहा जा सकता है कि वॉशिंगटन में ट्रंप की वापसी ने ढाका में मोहम्मद यूनुस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. शायद उनकी कुर्सी के गिने चुने दिन बचे हैं. यूं कहिए कि बांग्लादेश में तख्तापलट पार्ट-2 की आहट है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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