दुनियां – इजराइल में नेतन्याहू के ‘तख्तापलट’ की साजिश? प्रधानमंत्री के बचाव में उतरे गठबंधन के नेता – #INA
क्या इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ‘तख्तापलट’ की कोशिश हो रही है? क्या देश की अदालत नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद के लिए ‘अयोग्य’ ठहराने वाली है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि इजराइल की वॉर कैबिनेट के नेताओं ने एक बयान जारी किया है.
इस बयान में गठबंधन सरकार के नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री को अयोग्य ठहराने की कोशिश करना तख्तापलट के बराबर होगा. मामले से जुड़े राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं ने यह बयान प्रधानमंत्री नेतन्याहू की गुजारिश पर जारी किया है.
इजराइल में नेतन्याहू के खिलाफ साजिश?
दरअसल इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को करप्शन मामले में 2 दिसंबर को गवाही दर्ज करानी है. इसे लेकर दावा किया जा रहा था कि सरकारी वॉचडॉग नेतन्याहू को अदालत में गवाही देते समय नेतृत्व करने में ‘असमर्थ’ या ‘अयोग्य’ घोषित करने की मांग कर सकते हैं.
‘तख्तापलट का प्रयास माना जाएगा ये कदम’
ऐसा माना जा रहा है कि इसी कदम की आशंका के चलते ही इजराइली गठबंधन सरकार के नेताओं ने बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, ‘हम प्रधानमंत्री को सेवा के लिए अयोग्य घोषित करने के किसी भी प्रयास को पूरी तरह से खारिज करते हैं, चाहे वह सीमित अवधि के लिए ही क्यों न हो. ऐसी किसी भी घोषणा का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसलिए यह अमान्य है. ऐसी किसी भी कोशिश को तख्तापलट माना जाएगा.’
करप्शन केस में जा सकती है कुर्सी?
प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ मई 2020 से भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से जुड़े 3 मामलों में मुकदमा जारी है. जहां अभियोजन पक्ष ने इसी साल अगस्त में अपनी ओर से सारी दलीलें पूरी कर ली हैं तो वहीं प्रधानमंत्री की लीगल टीम बार-बार उनकी गवाही को टाल रही है. इस देरी के लिए नेतन्याहू की आलोचना की जा रही है क्योंकि उन्होंने साल 2020 में ही एक समझौता साइन किया था, जिसके तहत मुकदमे का सामना करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बने रहने की अनुमति दी गई थी.
लेकिन नेतन्याहू की टीम की ओर से बार-बार की जाने वाली देरी के चलते ऐसा दावा किया जा रहा था कि सरकारी वॉचडॉग (निगरानी) समूह नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद से अलग करने का दबाव डालने के लिए कोर्ट से अपील कर सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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