दुनियां – इराक पहला नहीं, दुनिया के कई देशों में होती है 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी, क्यों है खतरनाक? – #INA
इराक में लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल और पुरुषों की शादी की उम्र 15 साल होने जा रही है. यह जान कर मुझे याद आया जब मैं छोटी बच्ची थी तब मेरी दादी ने मुझे बताया था कि जब उनकी शादी हुई थी तब वो 12 साल की थी. मेरी दादी ने मुझ से कहा था, जब मेरी शादी हुई थी मैं सिर्फ 12 साल की थी और कुछ नहीं जानती थी. यहां तक की मुझे यह भी नहीं मालूम था कि मैं अपने घर से दूर क्यों जा रही हूं. मुझे याद है दादी ने हंसते हुए कहा था कि गुड़िया की शादी कराने की उम्र में मेरी शादी हो गई, लेकिन अब जमाना बदल रहा है.
दादी की शादी की उम्र 12 साल थी, लेकिन इराक में पास होने जा रहे कानून में शादी की उम्र महज 9 साल रखी गई है. इराक में इस कानून पर चर्चा शुरू होने से पहले देश में लड़कियों और पुरुषों की शादी की उम्र 18 साल थी, लेकिन इस नए कानून को लाने के पीछे की वजह बताई गई है कि युवा लड़कियां को “अनैतिक संबंधों” से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
इराक के कानून में क्या-क्या है?
जहां आज के समय में लड़कियों को शादी अपनी मर्जी से करने का पूरा अधिकार दिया जा रहा है. जहां लड़कियां आज के समय में किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है, वहीं इस कानून के तहत लड़कियों को तलाक लेने, विरासत और बच्चे की हिरासत का अधिकार भी नहीं रह जाएगा. साथ ही इस कानून के तहत जिस चीज को जान कर सबसे ज्यादा हैरानी हुई वो यह कि किसी भी उम्र के पुरुष 9 साल की मासूम बच्चियों के साथ शादी कर सकते हैं.
एक समय में इराक प्रगतिवादी देश था, जहां साल 1959 में स्टेटस लॉ बनाया गया था और धार्मिक भेदभाव के बिना सभी इराकी परिवारों के अधिकारों की रक्षा होती थी. साथ ही इराक में शादी की उम्र भी 18 साल कर दी गई थी, लेकिन जहां हर देश तरक्की की तरफ बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इराक पीछे की तरफ लौट रहा है. जहां 9 साल की उम्र में आप एक नन्ही सी बच्ची को शादी में दौड़ते हुए नहीं बल्कि दुल्हन बना देखेंगे.
गैरकानूनी शादी का बच्चियां बनी शिकार
इराक में ऐसा पहली बार नहीं है कि 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी होने जा रही होगी. देश में 18 साल की शादी की उम्र के कानून के बावजूद UNICEF की साल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक में 28 प्रतिशत बच्चियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हुई थी. वहीं U.N. Assistance Mission in Iraq (UNAMI) ने साल 2021 में एक रिपोर्ट सामने रखी थी जिसके मुताबिक 22 प्रतिशत बच्चियों की शादी 14 साल से कम उम्र में हुई थी.
किन देशों में 18 से कम उम्र में शादी की इजाजत
इराक की खबर सुनने के बाद भी क्या आपको भी लगा कि इराक ऐसा पहला देश है जो 18 साल से कम उम्र में बच्चियों की शादी का कानून बनाने जा रहा है, तो आप गलत है PEW RESEARCH CENTER की 12 सितंबर 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, 198 में से 117 देशों में बाल विवाह की इजाजत थी. हालांकि, अब कई देशों में इसे 18 साल कर दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया में विवाह कानून के हिसाब से शादी की उम्र 18 साल है, लेकिन कुछ हालातों में जैसे कोर्ट की मंजूरी, माता – पिता की मंजूरी मिलने पर 16 से 18 साल की उम्र में शादी हो सकती है. भारत में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है और पुरुषों के लिए यह 21 साल है.
PEW RESEARCH CENTER की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, सूडान में लड़कियां 10 और पुरुष 15 साल की उम्र में शादी कर सकते हैं. तंजानिया के 1971 के विवाह कानून के मुताबिक, माता-पिता की सहमति से लड़कियों के लिए शादी की उम्र 15 साल और पुरुषों के लिए 18 तय की गई है. अफगानिस्तान में लड़कियों की शादी की उम्र 16 साल है. पाकिस्तान के (CHILD MARRAIGE RESTRAINT ACT) हिसाब से पुरुषों के लिए शादी की उम्र 18 साल और लड़कियों के लिए 16 साल है. सीरिया में यह 17 साल है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 6 देश इक्वेटोरियल गिनी, गाम्बिया, सऊदी अरब, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन में शादी को लेकर कोई तय उम्र नहीं है.
सभी देशों में अगर हम आंकड़े खंगालने लगेंगे, तो हम देखेंगे की कई देशों में लड़कियों की निर्धारित उम्र से कम उम्र में शादी की जाती है. सूडान के सूडान मल्टीपल इंडिकेटर क्लस्टर सर्वे के मुताबिक, साल 2014 में पाया गया कि 20 से 24 वर्ष की महिलाओं में 11.9 प्रतिशत महिलाओं की 15 साल से कम उम्र में शादी हुई. वहीं, 34.2 प्रतिशत ने 18 वर्ष की उम्र से पहले शादी की.
क्यों है खतरनाक ?
बचपन में हुई शादी, बचपन खत्म कर देती है (UNICEF)
जिस उम्र में बच्चे प्राइमरी स्कूल में होते हैं, जिन्हें यह नहीं मालूम होता है कि आखिर शादी होती क्या है उस उम्र में उनकी शादी कराई जाए, तो सोचिए क्या होगा. वो छोटी सी बच्ची जो शायद यह भी न जानती हो कि दुल्हन बनना क्या होता है, उसे दुल्हन बना दिया जाए तो क्या होगा. हर महीने लड़कियों को Menstruation Cycle के चलते पीरियड्स आते हैं. National Institutes Of Health की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों को 10 से 16 साल की उम्र में पीरियड्स शुरू होते हैं. सोचिए उनकी शादी के बाद उन्हें पीरियड्स आने शुरू होंगे, इससे उनके शरीर में कितनी बीमारियां पैदा होंगी. साथ ही उनका शरीर शादी के बाद शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी तैयार नहीं होता.
पीछे छूट जाता है स्कूल
बच्चियों के हाथ से स्कूल का बस्ता लेकर घर की जिम्मेदारी दे दी जाती है. ख्वाब देखना और कामयाब होना तो शायद वो चीजें हैं जो नामुमकिन हो जाती हैं. इसी के चलते लड़कियों का शिक्षा का स्तर भी गिरता है. साथ ही कम पढ़ी-लिखी होने के चलते वो अपने पति पर आर्थिक रूप से निर्भर हो जाती हैं और घरेलू हिंसा का भी शिकार होने लगती हैं.
प्रेगनेंट होना बन जाता है जान को खतरा
कम उम्र में शादी होने के बाद छोटी उम्र में ही बच्चियां मां बन जाती हैं. इससे काफी ज्यादा परेशानी उन्होंने जन्म देने से लेकर गर्भवति रहने के दौरान होती हैं. छोटी उम्र में मां बनने पर प्रेगनेंसी में काफी खतरा बढ़ जाता है. WHO (World Health Organization) की रिपोर्ट के मुताबिक, छोटी उम्र में मां बनने की वजह से विश्व स्तर पर 15-19 साल की लड़कियों की बड़ी तादाद में मौत हो जाती हैं. साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, जो लड़कियां 15 साल की उम्र में शादी करती है उनकी बच्चे के जन्म के दौरान मौत होने की संभावना 5 गुना ज्यादा होती है.
साथ ही छोटी उम्र में मां बनना न सिर्फ महिलाओं के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी खतरनाक साबित होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो महिलाएं 20 साल से कम उम्र में मां बनती हैं, उनमें 50 प्रतिशत बच्चों की मौत का खतरा बढ़ जाता है.
घरेलू हिंसा का करना पड़ता है सामना
छोटी उम्र में शादी का सीधा असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. कम पढ़ा-लिखा होने की वजह से वो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाती, साथ ही घरेलू हिंसा का भी शिकार बनती हैं, इसके चलते उनकी मेंटल हेल्थ बेहतर नहीं रहती. साथ ही बच्चियों को जीवन में किसी तरह का निजी अधिकार और निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो जाती हैं. जहां उनकी आवाज बुलंद करने, पंख फैलाने की उम्र होती हैं, वहां उन्हें दुल्हन का जोड़ा पहना कर खामोश कर दिया जाता है, बस्ते की जगह घर की जिम्मेदारी दे दी जाती है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link