दुनियां – मछली पकड़ने वाले जाल में कैसे फंसी परमाणु पनडुब्बी? दुनिया में मचा हड़कंप – #INA

क्या आपने कभी सोचा है कि मछली पकड़ने वाले जाल में कोई परमाणु पनडुब्बी भी फंस सकती है? लेकिन नॉर्वे में ऐसा ही हुआ, जिसके बाद अमेरिका समेत दुनिया में हड़कंप मच गया.आखिर 7 हजार 800 टन वजन वाली न्यूक्लियर सबमरीन मछली पकड़ने वाले जाल में कैसे फंस गई और इसके बाद क्या हुआ ऐसे सवाल सभी के मन में कौंध रहे हैं.
दरअसल, मछुआरे समंदर में बड़ी मछली की तलाश कर रहे थे, लेकिन कोई मछली तो नहीं फंसी. मछली की जगह एक ऐसी मुसीबत सामने दिखी, जिससे मछुआरे भी हैरान रह गए. जाल में मछली की जगह एक ऐसी विशालकाय पनडुब्बी फंस चुकी थी, जो सुपरपावर अमेरिका की एक बड़ी ताकत है. जी हां, मछली की जगह अमेरिका की परमाणु पनडुब्बी जाल में फंस गई थी, ये हैरतअंगेज घटना नॉर्वे में हुई.
115 मीटर लंबी परमाणु पनडुब्बी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्वे के कुछ मछुआरे ट्रोम्सो के पास नाव से मछली पकड़ रहे थे, तभी उन्हें 1500 पाउंड की हैलीबट मछली मिल गई. इसके बाद उन्होंने ज्यादा मछली पाने की उम्मीद में जाल को दोबारा पानी में डाला, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसे देखकर मछुआरे भी दंग रह गए. विशालकाय पनडुब्बी USS वर्जीनिया जाल में फंस गई. ये अमेरिकी नेवी की घातक परमाणु पनडुब्बी है. ये करीब 115 मीटर लंबी परमाणु पनडुब्बी है. इसका वजन करीब 7 हजार 800 टन होता है.
मछुआरों का जाल पूरी तरह ध्वस्त हुआ
USS वर्जीनिया का प्रोपेलर जाल में फंस गया था. पनडुब्बी ने मछुआरों की नाव को करीब 2 मील तक घसीटा. मछुआरों को तुरंत कोस्टगार्ड फोर्स से एक रेडियो मैसेज मिला कि जाल में पनडुब्बी का प्रोपेलर फंसा हुआ है. मछली पकड़ने का जाल पूरी तरह से पनडुब्बी के प्रोपेलर में समा गया था और उसे किसी तरह से काटा गया, लेकिन समंदर में मछली पकड़ने का ये खेल नॉर्वे के उन मछुआरों को बहुत महंगा पड़ा क्योंकि उनका जाल पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था. बाद में ओस्लो में अमेरिकी दूतावास ने भी पुष्टि कर दी कि घटना के समय अमेरिका की पनडुब्बी यूएसएस वर्जीनिया वहीं मौजूद थी. साल 1999 में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जब एक ब्रिटिश पनडुब्बी गलती से मछली पकड़ने वाले जहाज में फंस गई थी.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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