दुनियां – पाकिस्तान से नहीं संभल रहा कश्मीर, तानाशाही कानूनों के जरिए कर रहा दमन – #INA
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. पाक सरकार कश्मिरियों की आवाज का दमन करने के लिए तानाशाही कानून लेकर आ रही है. पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव कश्मीर के राष्ट्रपति बैरिस्टर सुल्तान महमूद ने अवैध सार्वजनिक सभाओं, रैलियों और विरोध प्रदर्शनों पर बैन लगाने वाले राष्ट्रपति के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.
इसका उल्लंघन करने वालों को सात साल तक की कैद और तत्काल हिरासत में लिया जा सकता है. यह अध्यादेश सरकार के पब्लिक ऑर्डर और पीसफुल असेंबली बिल 2024 के लागू होने के कुछ महीने बाद आया है. जिसके तहत इस्लामाबाद में अन-ऑर्गेनाइज्ड पब्लिक गैदरिंग पर पाबंदी लगाई गई थी.
पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव कश्मीर के राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून पूरी घाटी में लागू हो गया है. इस कानून के तहत सिर्फ वो पार्टी, संस्थाएं और यूनियन प्रदर्शन कर पाएंगी जिन्होंने प्रदर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया होगा. किसी भी सार्वजनिक जगह पर प्रदर्शन करने के लिए अब डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी अनिवार्य है.
जहां लोग इसे दमनकारी और अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने वाला अध्यादेश बता रहे हैं, वहीं सरकार के प्रवक्ता ने इसे जनता के अधिकारों को बचाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी बताया है.
कमिश्नर के बढ़े अधिकार
नए कानून में DC को दंड देने का अधिकार दिया गया है, जिसमें 3 साल तक की जेल और 3 से 10 दिन की हिरासत शामिल है. साथ ही डिप्टी कमिश्नर को ये भी पावर होगी की कि वह किसी भी क्षेत्र को ‘रेड जोन’ और ‘हाई सिक्योरिटी जोन’ घोषित करके वहां होने वाली सभाओं को रद्द कर दे. इसके अलावा प्रदर्शनों में हथियार, लाठी और भड़काऊ भाषण की बिल्कुल इजाजत नहीं होगी.
अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन
अध्यादेश की मंजूरी के बाद ही लोग रावलकोट में सड़को पर उतर आए और सरकार से अध्यादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की.
عوام دشمن ہر دستور نامنظور نا منظور
یہ جو دہشت گردی ہے اس کے پیچھے وردی ہے
A copy of Peaceful assembly and public ordinancewas burnt down in Rawalakot by @SagheerAdvocate
And Liaqat Hayat .
The protest was organised by pro independence political organisations against state pic.twitter.com/4eVUKI8qM0
— Mehtab Ahmed (@mehtabahmed2) November 16, 2024
नेताओं ने 9 दिसंबर तक मांगें पूरी न होने पर 10 दिसंबर को कश्मीर भर में जिलेवार विरोध प्रदर्शन करने की ऐलान किया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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