दुनियां – एलन मस्क से अपने राजनयिक की मुलाकात से क्यों पल्ला झाड़ रहा है ईरान? – #INA
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एलन मस्क और UN में ईरान के राजदूत के बीच हुई मुलाकात की खबरों को खारिज कर दिया है. स्टेट टेलीविजन के एक इंटरव्यू में अराघची ने ट्रंप के सबसे करीबी माने जाने वाले अमेरिकी अरबपति एलन मस्क और ईरानी राजनयिक की मुलाकात की खबरों को झूठा बताया है.
जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स समेत अमेरिकी मीडिया ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया था कि न्यूयॉर्क में एलन मस्क और ईरान के UN राजदूत आमिर सईद ईरावनी के बीच करीब एक घंटे लंबी मुलाकात हुई है. अराघची ने इसे अमेरिकी मीडिया की ओर से बनाई गई मनगढ़ंत कहानी बताया है, और कहा है कि इसके पीछे छिपे मकसद का भी अनुमान लगाया जा सकता है.
मस्क और ईरावनी की मुलाकात का खंडन
विदेश मंत्री अराघची ने कहा है कि मीडिया के जरिए इस तरह की खबरों को प्रसारित कर यह परीक्षण किया गया है कि क्या ऐसा कोई कदम उठाना मुमकिन है. उन्होंने कहा कि लीडरशिप ने ऐसी किसी भी मुलाकात के लिए अनुमति नहीं दी थी. हम अब भी इंतजार कर रहे हैं कि अमेरिकी प्रशासन अपनी नीतियां स्पष्ट करे और उसी के आधार पर हम अपनी नीतियों को एडजस्ट करेंगे. अराघची ने कहा कि फिलहाल यह इस तरह की मुलाकातों के लिए सही समय नहीं है.
सुप्रीम लीडर ने मुलाकात के लिए नहीं दी मंजूरी
सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई का जिक्र करते हुए ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि लीडरशिप ने ऐसी किसी भी मुलाकात के लिए मंजूरी नहीं दी थी. उन्होंने अमेरिका के साथ डिप्लोमेसी के लिए एक सीमित मौके का भी जिक्र करते हुए कहा है कि ईरान किसी भी तरह के विरोध और सहयोग के लिए तैयार है.
ईरानी विदेश मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप
वहीं अब्बास अराघची के इन बयानों को लेकर पेजेश्कियान सरकार पर ईरान में ही सवाल उठाए जा रहे हैं. विदेश मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अल्ट्रा-हार्डलाइनर्स को खुश करने के लिए मस्क और ईरानी राजनयिक की मुलाकात को लेकर झूठ बोला है.
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक अराघची का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान के हार्डलाइन काहयन अखबार ने शनिवार को ईरान की विदेश नीति पर हमला बोला था. काहयन अखबार ने अपने आर्टिकल में आरोप लगाया था कि ‘देश के सुधारक और ईरान के खिलाफ पश्चिम की जंग के एजेंट्स’ अमेरिका के साथ बातचीत के लिए ग्राउंडवर्क को लेकर झूठ बोल रहे हैं.
दरअसल काहयन अखबार को सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के दफ्तर से फंडिंग मिलती है, और इसे अल्ट्रा हार्डलाइनर होसैन शरियतमदारी संचालित करते हैं. खामेनेई द्वारा नियुक्त किए गए शरियतमदारी को सुधारवादी लीडर्स अपना दुश्मन समझते हैं.
हार्ड-लाइनर्स को खुश करने की कोशिश!
ईरान के पूर्व सुधारवादी वाइस प्रेसीडेंट मोहम्मद अली अब्तही ने विदेश मंत्री की आलोचना करते हुए कहा है कि, ‘मिस्टर अराघची, ईरान के लोगों का रुख आपका मापदंड होना चाहिए न कि काहयन अखबार की हेडलाइन.’
उन्होंने विदेश नीति तंत्र की इस बात के लिए भी आलोचना की है कि वह मस्क और ईरानी राजदूत की मुलाकात के मुद्दे पर करीब 3 दिनों तक चुप्पी साधे हुए थे, जबकि दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही थी और इसे ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों में नरमी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा था. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मुलाकात से जुड़ी रिपोर्ट्स का खंडन तभी किया जब काहयन अखबार ने इस कदम की आलोचना की.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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