दुनियां – हमास की शर्त के आगे झुकना ही पड़ेगा, इजराइल ने भी माना-नहीं बचा कोई रास्ता – #INA

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. जंग के एक साल बाद भी इजराइली बंधकों की वापसी न होना, उनके सत्ता से बेदखल होने की सबसे बड़ी वजह बन सकता है. इजराइल की सड़कों पर आए दिन बंधक डील के लिए प्रदर्शन किए जा रहे हैं, दूसरी ओर लेबनान की धरती से हिजबुल्लाह भी आए दिन इजराइली शहरों पर हमला कर रहा है.
दोनों छोर में किसी पर भी पूर्ण युद्ध विराम के लिए नेतन्याहू तैयार नहीं हैं और अभी तक के प्रस्तावों में उन्होंने ऐसी शर्तें लगाई हैं, जिनकी वजह से मध्यस्थों के लिए शांति प्रस्ताव पर अमल कराना और मुश्किल हो गया है. नेतन्याहू सेना पर दबाव बना रहे हैं कि सैन्य ऑपरेशन के जरिए बंधकों की रिहाई कराई जाए, जबकि पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट कह चुके हैं कि गाजा में सेना अपनी उच्चतम कार्रवाई पूरी कर चुकी अब बंधकों की रिहाई कूटनीतिक चैनल से ही हो सकती है.
नेतन्याहू ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार शाम को गाजा में बंधकों को रिहाई पर खास मंत्रियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी. खबरों के मुताबिक, इस बैठक में कथित तौर पर माना गया कि हमास के साथ युद्ध विराम ही बंधकों को रिहाई कराने का एकमात्र तरीका है.
अज्ञात स्रोतों ने कई हिब्रू मीडिया आउटलेट्स को बताया कि तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में हुई इस बैठक में शिन बेट, IDF और MOSSAD के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए. सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने सरकार के मंत्रियों बताया कि हमास अभी भी युद्ध की खत्म और गाजा पट्टी से सेना की वापसी की मांग कर रहा है, जबकि एजेंसियों ने पिछले महीने उसके नेता याह्या सिनवार को भी मार दिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा प्रमुखों ने इस बात पर जोर दिया कि लीडर की मौत के बाद भी हमास का रुख बदला नहीं है, उन्होंने कहा ऐसी मांगों पर सहमत होना ही किसी समझौते पर पहुंचने का एकमात्र तरीका होगा.
सीजफायर के लिए हमास की शर्त
हमास शुरू से कहता आया है कि वह किसी भी अस्थायी युद्ध विराम को नहीं मानेगा. हमास का कहना है कि इजराइल गाजा से सेना की वापसी करे, गाजा के पुनर्निमाण और मानवीय सहायता के लिए प्रतिबंधों को हटाया जाए और पूर्ण युद्ध विराम हो.
लेबनान में भी सीजफायर की कोशिशें तेज
लेबनान के एक राजनीतिक सूत्र ने सोमवार को रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका के विशेष दूत अमोस होचस्टीन हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत के लिए मंगलवार को बेरूत की आ रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि लेबनान ने अमेरिका की ओर प्रस्तुत युद्ध विराम प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, लेकिन इजराइल की प्रधानमंत्री ने कसम खाई है कि वह हिजबुल्लाह के खात्में तक अपने ऑपरेशन जारी रखेंगे.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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