दुनियां – भारत के इस राज्य का मुरीद हुआ सऊदी, कई प्रोजेक्ट लॉन्च करने की तैयारी – #INA

सऊदी अरब राजधानी रियाद में मरुस्थलीकरण (Desertification) से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCCD) की मेजबानी करने जा रहा है. इससे पहले सऊदी के पर्यावरण, जल और कृषि उप मंत्री डॉ ओसामा फकीहा ने मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की है.
फकीहा ने कहा है कि राजस्थान और सऊदी अरब का रेगिस्तान एक जैसा है. जोकि दोनों के बीच सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान की संभावना को बढ़ाता है. उन्होंने राजस्थान में पानी और सूखे की कमी को दूर करने के लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए, उससे सीख लेने की बात कही है.
राजस्थान की स्कीम की तारीफ
उन्होंने कहा, “जयपुर में गांधीवन परियोजना जैसी सफल पहल, जिसने समुदाय-संचालित प्रयासों के जरिए से एक बंजर जमीन को हरी भरी जमीन में बदल दिया है. ऐसी परियोजनाओं से बहुत कुछ सीखा जा सकता है और विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है.” उन्होंने बताया कि सऊदी अरब जल संरक्षण के लिए काम कर रहा है और जलवायु चुनौतियों से निपटने के अपने प्रयासों के तहत महत्वाकांक्षी ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है.
चार फुटबॉल मैदानों के बराबर खो रही भूमि
फकीहा ने कहा “हम सूखे और मरुस्थलीकरण के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमारी चुनौतियां बहुत बड़ी हैं. इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि वैश्विक स्तर पर हम हर सेकंड चार फुटबॉल मैदानों के बराबर भूमि खो देते हैं, जो सालाना 100 मिलियन हेक्टेयर के बराबर है.”
COP16 रियाद
सऊदी अरब में दिसंबर 2 से 13 तक COP16 सम्मेलन का आयोजन होना है. इसके तहत सऊदी अरब ने वैश्विक सूखा रोकने के लिए कई पहलों का प्रस्ताव रखा है. डॉ. फकीहा ने बताया कि COP16 के दौरान पहला “Drought Resilience Observatory” लॉन्च किया जाएगा, जिसका मकसद साइंस और डेटा को तत्काल कार्रवाई में बदलना है.
भारत जैसे देशों में पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जहां 600 मिलियन लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं. डॉ. फकीहा ने बताया कि जल सुरक्षा और भूमि क्षरण के बीच गहरे संबंध को देखते हुए कृषि में जल संसाधन प्रबंधन पर COP16 में विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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