दुनियां – योग, बॉलीवुड और डेमोक्रेसी…भारत और ब्राजील के बीच मजबूत संबंधों की ये है नींव – #INA
ब्राजील में आयोजित G-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया, ब्राजील दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी के स्वागत में भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक देखने को मिली. यही नहीं पीएम जब राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मिले तो दोनों देशों के बीच रिश्तों की गर्माहट साफ नजर आई.
ब्राजील के साथ भारत के करीब 75 साल पुराने डिप्लोमैटिक संबंध हैं. 21.72 करोड़ आबादी वाले देश में महज़ 4 हजार भारतीय रहते हैं, लेकिन ब्राजील में भारतीय संस्कृति और परम्पराओं की गहरी छाप दिखाई पड़ती है. योगा, बॉलीवुड और डेमोक्रेसी 3 ऐसे अहम पहलु हैं जो दोनों देशों को मजबूती से जोड़े हुए हैं.
ब्राजील में योग का क्रेज
ब्राजील और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध तो हैं ही लेकिन दोनों देश सांस्कृतिक तौर पर एक-दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं. दरअसल 2015 में जब पहली बार इंटरनेशनल योग दिवस मनाया गया तो ब्राजील के 12 शहरों में भी इसका आयोजन हुआ. ब्राजील में योग और आयुर्वेद की प्रैक्टिस करने वाली एक बड़ी आबादी है. योग का क्रेज़ ऐसा है कि 2017 से रोजाना ब्राजील स्थित भारतीय एंबेसी में योग सिखाया जाता है. ब्राजील की संसद में योग के महत्व पर स्पेशल सेशन का भी आयोजन किया जा चुका है.
यही नहीं ब्राजील के लोगों की भारतीय संस्कृति, धर्म, परफॉर्मिंग आर्ट्स और फिलॉसफी में भी काफी रूचि है. रामाकृष्ण मिशन, ISKON, भक्ति वेदांता फाउंडेशन के अलावा कई आध्यात्मिक गुरुओं और संगठनों ने ब्राजील में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
बॉलीवुड ने भी जमाई जड़ें
ब्राजील का इतिहास म्यूजिकल और कल्चरल डायवर्सिटी से प्रचुर रहा है, वैसे तो ब्राजील की इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में हॉलीवुड का दबदबा रहा है लेकिन कुछ साल पहले बॉलीवुड ने भी ब्राजील में महत्वपूर्ण प्रगति की है. साल 2009 में ब्राजील में पुर्तगाली भाषा में प्रसारित एक सोप-ओपेरा ‘भारत: एक प्रेम कथा’ काफी हिट रहा. इस कार्यक्रम में भारत के अंतर-जातीय रोमांस को दिखाया गया, जिसमें न केवल ब्राजीलियन एक्टर्स भारतीय गानों पर थिरकते दिखे बल्कि हिंदी बोलते भी नजर आए.
इस सीरीज को ब्राजील में खूब प्यार मिला, 3 करोड़ से ज्यादा दर्शकों को आकर्षित करने वाले इस कार्यक्रम के बाद ब्राजील के लोगों की भारतीय कल्चर और सिनेमा में रूचि बढ़ी. ब्राजील की दिग्गज फिल्मकार सुजाना अमाराल भी खुद को हिंदी फिल्मों की शौकीन बताती रहीं हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह 70 के दशक से भारतीय फिल्में देखती रहीं हैं.
ब्राजील में भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मई 2014 में ब्राजीलियन पोस्ट ने भारतीय सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट जारी किया था.
डेमोक्रेटिक मूल्यों के पक्षधर
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्राजील में काफी माना जाता है, ब्राजील की सरकार और NGO अपने देश के नागरिकों खासतौर पर छात्रों, युवाओं और पुलिस को अहिंसा के सिद्धांत पर चलने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करते रहे हैं. दोनों देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था है और ब्राजील भी भारत की ही तरह डेमोक्रेटिक मूल्यों को तरजीह देता है.
शांति, सहयोग और निरंतर विकास भारत और ब्राजील के द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य आधार हैं. भारत के साथ ब्राजील भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की वकालत करता रहा है. यही नहीं क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन), स्वच्छ और न्यायसंगत ऊर्जा ट्रांजिशन के साथ-साथ कई वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों का रुख और प्राथमिकता एक जैसी रही है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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