दुनियां – ईरान के नए सुप्रीम लीडर का है ये खास अंदाज, इजराइल विनाश का ऑपरेशन कर रहे तैयार? – #INA

अरब की सबसे बड़ी न्यूज ये है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अपने बेटे मुज्तबा खामेनेई को उत्तराधिकारी चुन लिया है. हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. अमेरिकन मीडिया की रिपोर्ट है कि खामेनेई फिलहाल कोमा में हैं और बीमारी की आशंका चलते उन्होंने मुज्तबा को सितंबर में ही उत्तराधिकारी चुन लिया था. मुज्तबा के ईरान का सुप्रीम लीडर बनते ही प्रॉक्सी के हौसले बुलंद हो गए और इजराइल पर संगठित हमले शुरू कर दिए, कैसे मुज्तबा खामेनेई इजराइल विनाश का ऑपरेशन तैयार कर रहे हैं और क्यों प्रॉक्सी के हौसले बुलंद हैं?
ईरान में नए सुप्रीम लीडर को चुनाव हो चुका है. खामेनेई की सत्ता के उत्तराधिकारी का चुनाव होते ही प्रॉक्सी के हौसले बुलंद हैं और 17 नवंबर की रात इजराइल के कई शहरों पर प्रॉक्सी संगठनों ने तीन दिशाओं से बारूद बरसाया है. ईरान का सबसे बड़ा लक्ष्य है इजराइल का विनाश, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ईरानी नीतियों और रणनीतियों को अयातुल्लाह अली खामेनेई ने 35 साल तक संभाला.
नसरल्लाह की मौत के बाद अयातुल्लाह अली खामेनेई ने जब बरसों बाद नमाज अदा कराई तब भी उन्होंने इजराइल को तबाह करने की बात कही और जिहाद का प्रतीक बन चुकी एक राइफल लेकर ग्रैंड मस्जिद तेहरान में जनता के सामने आए थे, लेकिन उनके हाव-भाव और आवाज पर उम्र का असर दिख रहा था. इस शोक सभा के बाद खामेनेई सार्वजनिक जीवन में नजर नहीं आए और अब रिपोर्ट है कि खामेनेई बीमारी के चलते कोमा में हैं.
गोपनीय तरीके से उत्तराधिकारी चुना गया
रिपोर्ट है कि अयातुल्लाह अली खामेनेई का उत्तराधिकारी उनके दूसरे बेटे मुज्तबा खामेनेई को चुन लिया गया है. ईरान की एक्सपर्ट असेंबली ने 26 सितंबर को ही ईरान के नए सुप्रीम लीडर का चुनाव कर लिया था. खुद खामेनेई ने असेंबली के 60 सदस्यों को बुलाकर गोपनीय तरीके से उत्तराधिकारी पर फैसला लेने कहा था. असेंबली ने सर्वसम्मति से मुज्तबा के नाम पर सहमति जताई थी.
मुज्तबा खामेनेई के नाम का चुनाव होते ही प्रॉक्सी संगठनों ने इजराइल पर ताबड़तोड़ बारूदी बारिश शुरू कर दी. 17 नवंबर की रात को इराकी रेजिस्टेंस ने इजराइल की पोर्ट सिटी इलात पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए. इलात में हमलों के अलर्ट सायरन गूंजने लगे और लोग शेल्टरों की तरफ भागने लगे. अलर्ट सायरन बजते ही इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट हो गए और इजराइली आसमान में आग और धुएं की लकीरें छोड़ती मिसाइलें नजर आने लगी, लेकिन अरब मीडिया का दावा है कि इजराइली डिफेंस सिस्टम की मिसाइल इराकी रेजिस्टेंस के ड्रोन को रोकने में नाकाम रही.
इजराइल को कितना नुकसान हुआ?
इजराइली डिफेंस सिस्टम की एक मिसाइल इलात पोर्ट के नजदीक गिरी. इसके अलावा इजराइली डिफेंस सिस्टम की एक मिसाइल जॉर्डन की सीमा में गिरने की भी रिपोर्ट है. हालांकि इन हमलों में इजराइल को कितना नुकसान हुआ इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन इराकी रेजिस्टेंस के साथ ही हिजबुल्लाह ने भी इजराइली शहरों पर रॉकेट हमले किए हैं. हिजबुल्लाह सहित ईरान के शिया प्रॉक्सीज़ को जितने बड़े पैमाने पर समर्थन अयातुल्लाह के शासन काल में मिलता रहा है उससे कहीं ज्यादा समर्थन मुज्तबा के शासन काल में मिलना तय माना जा रहा है क्योंकि 55 साल के मुज्तबा को अपने पिता से ज्यादा कट्टरपंथी माना जाता है और वो अमेरिका धुर विरोधी हैं.
मुज्तबा खामेनेई राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे. उन्हें ईरान का अगला राष्ट्रपति माना जा रहा था, लेकिन उन्हें लेकर अयातुल्लाह अली खामेनेई की योजना बड़ी थी. पहली बार 2009 में मुज्तबा दुनिया की नजरों में आए थे. तब राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी नेता महमूद अहमदीनेजाद को सुधारवादी नेता मीर होसैन मौसावी पर जीत मिली थी. सुधारवादी नेताओं ने दावा किया कि चुनाव में भारी पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. मुज्तबा ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों को सख्ती से कुचला, जिसमें कई लोग मारे गए.
इजराइल के फिलिस्तीनी वर्ग में बड़ा नेटवर्क
कहा जाता है कि ईरान की खुफिया और दूसरी सरकारी एजेंसियों में मुज्तबा के लोग बैठे हुए हैं और इजराइल के फिलिस्तीनी वर्ग में उनका बड़ा नेटवर्क है. गाजा की जंग के बाद मुज्तबा अली खामेनेई ने ही पर्दे के पीछे से ईरान की विदेशनीति और प्रॉक्सी ऑपरेशन को गाइड कर रहे थे. इजराइली हमले में हसन नसरल्लाह की मौत के बाद नईम कासिम को तेहरान शिफ्ट करने के पीछे भी मुज्तबा की रणनीति थी. अक्टूबर के महीने में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची को विशेष विमान से लेबनान मुज्तबा ने ही भेजा था और इस विमान में नईम कासिम को तेहरान लाया गया था
मुज्तबा खामेनेई सार्वजनिक जगहों पर कम नजर आते हैं और खामोशी से काम करना उनका अंदाज है. अब मुज्तबा ने प्रॉक्सी वॉर का नया प्लान बनाया है. 14 नवंबर को ही ईरानी सुप्रीम लीडर की एडवाइजरी काउंसिल के नेता अली लारिजानी ने लेबनान सीरिया का दौरा किया. माना जा रहा है कि मुज्तबा ने ही लारिजानी को दौरे पर भेजा था. इस दौरे में लारिजानी की मुलाकात प्रॉक्सी संगठनों के अलग-अलग के नेताओं से हुई. इस बैठक में तय किया गया है कि प्रॉक्सी के छोटे-छोटे गुट इजराइल पर हमले करेंगे. इजराइल पर सीरिया, लेबनान, इराक और यमन से एकसाथ हमले किए जाएंगे. मुज्तबा के सुप्रीम लीडर बनने की जानकारी भी इसी बैठक में दी गई और इसके बाद ही 15 नवंबर से इजराइल पर सभी संगठनों के हमले शुरू हो गए.
ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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