दुनियां – जहां अरब लोगों की आबादी वहां यहूदियों और गे को खतरा! जर्मनी में जारी हुआ अलर्ट – #INA
हमास इजराइल युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. इस जंग का जहां आर्थिक और राजनीतिक असर दूसरे देशों पर भी पड़ा है, वहीं दोनों पक्षों के समर्थक भी अलग-अलग देशों में आपस में लड़ रहे हैं. अक्टूबर 7 के हमले के बाद गाजा पर शुरू हुई इजराइली कार्रवाई का विरोध दुनिया भर में देखने मिला है. अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में इजराइल और फिलिस्तीनी समर्थक आमने-सामने भी आए हैं.
जर्मनी के बर्लिन शहर की पुलिस चीफ बारबरा स्लोविक ने यहूदी लोगों और खुले तौर पर LGBTQ व्यक्तियों को सलाह दी है कि वे अरब आबादी वाले कुछ इलाकों में जाते समय सावधानी बरतें. स्लोविक ने बर्लिनर ज़िटुंग अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि बर्लिन में कोई खास ‘नो-गो जोन’ नहीं है, राजधानी जर्मनी के अन्य हिस्सों की तरह ही सुरक्षित है और यहां तक कि यूरोप के कुछ अन्य प्रमुख शहरों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है.
उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्यवश, बर्लिन में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां अरब मूल के लोगों की बहुलता है, जहां आतंकवादी संगठनों के प्रति खुली सहानुभूति है और यहूदी विरोधी भावना बहुत ज्यादा है. मैं ऐसी जगह उन लोगों को अधिक सावधान रहने की सलाह दुंगी जो किप्पा पहनते हैं या खुले तौर पर समलैंगिक या समलैंगिक हैं.” उन्होंने किसी खास क्षेत्र का नाम लेने से इनकार कर दिया, ताकि किसी भी समूह को बदनाम न किया जाए.
पिछले एक साल में हिंसा के 1300 मामले
स्लोविक ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद हिंसक अपराधों की 1,300 जांचों में से ज्यादातर विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हमलों या प्रतिरोध की हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि बर्लिन में यहूदी समुदाय यहूदी विरोधी अपराधों की कुल संख्या को लेकर चिंतित है, जिससे उन्हें हमलों में निशाना बनाए जाने का डर है.
प्रो फिलिस्तीनी प्रदर्शनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं?
जब स्लोविक सवाल किया गया कि अधिकारी फिलिस्तीन समर्थक और इजराइल विरोधी रैलियों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा सकते, तो स्लोविक ने जोर देकर कहा कि सभा की स्वतंत्रता जर्मनी के लोकतंत्र की आधारशिला है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भले ही अधिकारी इस तरह के प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दें, लेकिन यहूदी विरोधी हिंसा के संभावित अपराधी अभी भी बर्लिन में रहेंगे, बस वे खुले तौर पर नजर नहीं आएंगे.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link