Political – हरियाणा BJP को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, वीडियो को लेकर क्या है आपत्ति? – Hindi News | Haryana Assembly Election 2024 EC has served notice to BJP state president for Using children in campaign- #INA
चुनाव आयोग
हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एक अक्टूबर को एक ही चरण में वोटिंग होनी है. ऐसे में हर पार्टी ने दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की नजर भी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर है. लेकिन इसी बीच हरियाणा बीजेपी की ओर से शेयर किए गए वीडियो पर चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें नोटिस मिल गया है. उनपर प्रचार में बच्चे को शामिल करने का आरोप है. क्योंकि हरियाणा बीजेपी ने वीडियो शेयर करते हुए ‘बच्चे बच्चे की पुकार, हरियाणा में फिर से नायब सरकार’ कैप्शन दिया था. कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद 36 सेकंड के इस वीडियो को हरियाणा आदमी पार्टी ने भी अपने एक्स पर शेयर किया.
दरअसल वीडियो की शुरुआत एक बच्चे के ‘हरियाणा में अब की बार सैनी सरकार, जय हिंद’ कहने से होती है. वीडियो के बाकी हिस्से में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रक्षाबंधन त्योहार के साथ-साथ कई मौकों पर बच्चों के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक्स पर अपने पोस्ट में, हरियाणा आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि हरियाणा बीजेपी इतनी नीचे गिर गई है कि वह हरियाणा में अपने चुनाव अभियान के लिए बच्चों का इस्तेमाल करके आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रही है.
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अब @bjp4haryana इतना नीचे गिर चुकी है कि हरियाणा में बच्चों से अपना चुनाव-प्रचार करके आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। BJP लगातार वो काम करती रहती है जिससे आचार संहिता और देश के संविधान का अपमान हो।
अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष होकर भाजपा पर कड़ी कार्रवाई करे। pic.twitter.com/9PhP4N4kCQ
— AAP Haryana (@AAPHaryana) August 27, 2024
AAP ने भी किया हमला
हरियाणा AAP ने अपनी पोस्ट में लिखा कि बीजेपी लगातार ऐसे काम करती रहती है जो आदर्श आचार संहिता और देश के संविधान का उल्लंघन करते हैं. अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष हो और बीजेपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. रिपोर्ट्स में कहा गया कि राज्य भाजपा प्रमुख को सीईओ ने 29 अगस्त को शाम 6 बजे तक अपना जवाब देने को कहा है. हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि राज्य भाजपा प्रमुख मोहन लाल बडोली को 29 अगस्त तक अपना जवाब देने को कहा गया है.
चुनाव आयोग की गाइडलाइन
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक राजनीतिक दलों और चुनाव अधिकारी किसी भी बच्चे को इलेक्शन प्रोसेस में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से प्रचार या रैलियों आदि में बच्चों को शामिल नहीं करना चाहिए. इसमें बच्चे को गोद में लेना, अपने वाहनों में बच्चे को ले जाना या किसी बच्चे को चुनाव अभियान या रैलियों का हिस्सा बनाना शामिल है.
फरवरी में किया था निर्देशित
इस साल फरवरी में ही चुनाव पैनल ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से राजनीतिक अभियानों और रैलियों में किसी भी तरह से बच्चों को शामिल करने से परहेज करने को कहा था. चुनाव आयोग ने कहा था कि राजनीतिक दलों को साफतौर से निर्देशित किया जाता है कि वह बच्चों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में शामिल न करें, जिसमें रैलियां, नारे लगाना, पोस्टर या पम्पलेट बांटना या कोई और चुनाव-संबंधी गतिविधि शामिल है.
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