Political – जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुई 61.38 फीसदी वोटिंग, जानें पिछले इलेक्शन का हाल- #INA

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का वोट संम्पन्न हुआ

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 61.38 फीसदी मतदान हुआ है. 2014 के 10 सालों के बाद 18 सितंबर को केंद्रशासित प्रदेश की 24 सीटों पर मतदान हुआ था. मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान प्रतिशत 2014 के चुनाव के बराबर नहीं रहा. बता दें कि साल 2014 में जम्मू-कश्मीर राज्य था, लेकिन अब केंद्रशासित प्रदेश है.

10 साल के अंतराल के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में पिछले मतदान रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद थी. इसके बजाय, 2014 के मतदान की तुलना में कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में कमी आई है.

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जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति में सुधार, अलगाववादी समूहों द्वारा चुनाव बहिष्कार का आह्वान नहीं किया जाना और जमात-ए-इस्लामी द्वारा भागीदारी से मतदान के प्रतिशत में इजाफा का अनुमान लगाया जा रहा था.

पहले चरण में 61.38 प्रतिशत मतदान

चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में 24 सीटों के लिए 61.38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. 2014 के विधानसभा चुनाव में, बहिष्कार के आह्वान और कुछ शहरी सीटों पर निराशाजनक भागीदारी के बावजूद 66 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

डोडा, रामबन और किश्तवाड़ की आठ सीटों पर मतदान पैटर्न काफी हद तक एक जैसा रहा है, जबकि दक्षिण कश्मीर की 16 में से आठ सीटों पर मतदान प्रतिशत में कमी आई है.

पंपोर विधानसभा सीट पर 2014 में 47 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में यह 42 प्रतिशत रहा. पुलवामा की राजपोरा सीट पर 2014 में 47 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस चुनाव में यह 45 प्रतिशत रहा. डीएच पोरा सीट पर 2014 में 77 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार 65 प्रतिशत मतदान हुआ.

लोकसभा चुनाव में टूटा था रिकॉर्ड

डूरू सीट पर 2014 में 63 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार 57 प्रतिशत मतदान हुआ. शांगस, अनंतनाग सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में 67 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार यह घटकर 52 प्रतिशत रह गया.

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संसदीय चुनाव ने जम्मू-कश्मीर में पिछले 35 वर्षों में मतदान के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. संसदीय चुनावों में भागीदारी ने उम्मीद जगाई थी कि विधानसभा चुनावों में भी मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. लेकिन पहले चरण के मतदान ने कुछ और ही संकेत दिए.

राजनीतिक दलों ने कुछ जमकर प्रचार किया, लेकिन कई क्षेत्रों में इसका असर वोटों में नहीं दिखा. दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को है. अंतिम और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा. मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.

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