Political – महाराष्ट्र में कांग्रेस की जमीन पर सपा की नजर, कहीं दोस्ती में न पड़ जाए दरार?- #INA

अखिलेश यादव और राहुल गांधी

उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में नंबर वन की पार्टी बनाने के बाद प्रमुख अखिलेश यादव अब राष्ट्रीय फलक पर सपा को पहचान दिलाने की कवायद में जुटे हैं, जिसके तहत अब वो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पूरा दमखम दिखाने के लिए उतर रहे हैं. अखिलेश यादव 18 और 19 अक्टूबर को महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे हैं. इस दौरान वो मालेगांव और धुले में पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसे महाराष्ट्रसियासी फिजा को सपा के पक्ष में करने की स्ट्रैटेजी मानी जा रही है.

महाराष्ट्र में सपा की नजर कांग्रेस की सियासी जमीन पर है. सपा ने महाराष्ट्र में मुस्लिम बहुल और उत्तर भारतीय मतदाताओं वाली सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है, जिसके लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव का फोकस उन इलाकों पर है जहां मुस्लिम आबादी निर्णायक संख्या में हैं या फिर जिन जगहों पर उत्तर प्रदेश से आने वाले लोग रहते हैं. महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष अबु आसिम आजमी ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले महाविकास अघाड़ी से 12 सीटों की डिमांड रखी है.

इन सीटों पर सपा की नजर

सपा की नजर मुंबई और उससे सटे ठाणे जिले की सीटों पर है. सपा ने मुंबई इलाके की मानकोर शिवाजी नगर, भायखला, वर्सोवा, इससे सटे ठाणे की भिवंडी ईस्ट और भिवंडी वेस्ट दोनों सीटों के अलावा महाराष्ट्र की धूलिया और औरंगाबाद जैसी मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की पूरी तैयारी कर रखी रखी है. अबू आसिम आजमी ने महाविकास आघाडी गठबंधन के साथ बिना सीट शेयरिंग के भिवंडी की दोनों विधानसभा सीट से प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है तो कांग्रेस ने भी भिवंडी (पश्चिम) से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है.

भिवंडी पश्चिम की तरह ही मुस्लिम मतदाताओं का दबदबा भिवंडी की पूरी सीट पर भी रहा. यही वजह है कि यहां से दो बार समाजवादी पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. सपा के राईस शेख भिवंडी ईस्ट सीट से विधायक हैं. सपा इस बार ईस्ट के साथ वेस्ट सीट से भी उम्मीदवार उतार रही है. मुस्लिम वोटर इन दोनों ही सीट पर हार जीत तय करते हैं. मुस्लिम वोटों के दम पर सपा दो बार शिवसेना से भिवंडी पूरी सीट पर शिकस्त दे चुकी है जबकि वेस्ट सीट पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है.

यूपी के बड़े चेहरों को मिली जिम्मेदारी

महाराष्ट्र में सपा को दो विधायक हैं, जिनमें मानकोर शिवाजी नगर सीट से अबु आजमी और भिवंडी ईस्ट से रईस शेख है. सपा इन दोनों सीटों के साथ मुस्लिम बहुल वाली 10 सीटों को और चिन्हित कर रखा है, जहां से चुनाव लड़ना है. इसी के तहत सपा अध्यक्ष 18 अक्टूबर को मुस्लिम बहुल मालेगांव में जनसभा करेंगे. इसके अलावा 19 अक्टूबर को धुले में राजनीति कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. अखिलेश ने यूपी के भी बड़े चेहरों को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी है.

अखिलेश की चुनावी रणनीति

सपा महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना है. अखिलेश यादव सीटों को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत ही महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि सपा को महाविकास अघाड़ी में शामिल किया जाता या नहीं. सपा इंडिया गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ती है और उसकी सिटिंग दोनों सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा कांग्रेस मुस्लिम बहुल दूसरी सीटें देने के लिए राजी नहीं होगी. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शाह आलम ने कहा कि सपा भिवंडी (पूर्व) और (पश्चिम) दोनों विधानसभा क्षेत्र मांग रहे हैं, लेकिन दोनों नहीं तो कम से कम पश्चिम क्षेत्र से कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी.

सपा ने यह भी तय कर रखा है कि कांग्रेस अगर उसे सीट नहीं देती है तो वह अकेले चुनावी किस्मत आजमाने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके लिए सपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, जिसके तहत अखिलेश यादव दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं. सपा के रणनीतिकार मान रहे हैं कि भले ही कोई सीट मिले या न मिले, लेकिन पार्टी को अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी. इसके लिए वो मुस्लिम बहुल सीटों पर नजर गढ़ाए हुए हैं, हालांकि कांग्रेस बहुत ज्यादा सियासी स्पेस देने के मूड में नहीं है.

पिछले चुनाव में इन सीटों पर जीती थी सपा

महाराष्ट्र में सपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से दो विधायक जीते थे. सपा को 0.22 परसेंट वोट मिले थे. इस तरह से सपा को एक फीसदी से भी कम वोट मिला था. सपा ने इस बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने का प्लान बनाया है, लेकिन मुस्लिम बहुल वोटों वाली सीटों पर फोकस किया है. सपा को लगता है कि इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाती है और कुछ सीटें मिलती हैं तो आसानी से मुस्लिम वोटर उसके पक्ष में आ सकता है.

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