Political – अजित पवार: बारामती का जला वापस बारामती में क्यों उतर रहा?- #INA

अजित पवार और शरद पवार.

2019 में जब अजित पवार ने बारामती विधानसभा सीट से जीत दर्ज की, तो ये बारामती से उनकी 7वीं जीत थी. अजित ने इस जीत के साथ ही अपने चाचा और कद्दावर नेता शरद पवार का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, लेकिन 5 साल बाद ही बारामती का सियासी समीकरण बदल चुका है.

अब बारामती में अजित का मुकाबला बीजेपी और शिवसेना से नहीं, बल्कि अपने ही चाचा शरद पवार की पार्टी से है. उस शरद पवार से, जिनसे हाल ही में अजित ने मात खाई है.

शरद पवार का गढ़ है बारामती

बारामती को शरद पवार का गढ़ माना जाता है. 1967 में पहली बार शरद पवार यहां से विधायक चुने गए थे. उपुचनाव को छोड़ दिया जाए तो पवार यहां से 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं. यहीं से विधायक रहते हुए पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता बने.

पवार ने विधायक रहते ही सहकारी आंदोलन के जरिए खुद को मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में मजबूत किया.

अजित ने तोड़ दी 24 साल पुरानी पार्टी

2023 के मई महीने में शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कहा जाता है कि पवार ने यह इस्तीफा अजित के दबाव में दिया. अजित खुद एनसीपी की कमान संभालने चाहते थे. पवार के इस इस्तीफे पर पूरे राज्य में एनसीपी के कार्यकर्ता मुखर हो गए. विरोध को देखते हुए एनसीपी ने पवार से इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा.

इस घटनाक्रम के 2 महीने बाद बड़े नेताओं के साथ अजित पवार ने शरद पवार से बगावत कर दी. 54 में से 40 विधायकों के साथ अजित महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. अजित समेत 9 नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया गया. इस टूट के बाद अजित ने पत्रकारों से बात की और कहा कि असली एनसीपी मेरे पास ही है. 1999 में शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी.

अजित ने इसके बाद कहा कि मैं इसलिए मुख्यमंत्री नहीं बन सका, क्योंकि मैं किसी का बेटा नहीं था. अजित के इस बगावत से शरद पवार बैकफुट पर आ गए. हालांकि, उन्होंने नए सिरे से पार्टी की शुरुआत करने की बात कही और इस काम में वे जुट भी गए.

सुप्रिया के खिलाफ पत्नी को उतारा

2024 के लोकसभा चुनाव में अजित पवार ने बारामती सीट पर चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतार दिया. बारामती सीट शरद पवार की पारंपरिक सीट है और सुप्रिया यहां से लगातार चुनाव जीत रही हैं.

सुनेत्रा के मैदान में उतरने से बारामती का सियासी तापमान बढ़ गया. पूरा चुनाव अजित वर्सेज शरद हो गया. अजित को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी. जिस सीट से अजित विधायक हैं, उस पर भी उनकी पत्नी को बड़ी हार मिली.

सुनेत्रा बारामती सीट पर बुरी तरह हार गई. इस हार ने अजित की सियासत पर सवाल उठा दिया.

गलती मान डैमेज कंट्रोल की कोशिश

हार के बाद अजित पवार जब बारामती पहुंचे तो उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती मानते हुए कहा कि राजनीति को घर में लाना नहीं चाहिए. अजित ने कहा कि लोग परिवार में फूट पसंद नहीं करते हैं. मैंने यह गलती की.

अजित ने आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि लोगों को यहां कोई दूसरा विधायक मिले, जिससे मेरे कामों की तुलना हो सके. मैंने सबके लिए यहां काम किए हैं. अजित के इस बयान को जानकारों ने डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा.

कहा जाता है कि अजित ने हाल ही में एक प्रोफेशनल एजेंसी हायर की है. इस एजेंसी की सलाह पर ही अजित मराठवाड़ी और पश्चिमी महाराष्ट्र की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

क्या अजित पवार की नैया पार लगेगी?

लोकसभा के बाद से ही यह चर्चा थी कि अजित खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. बारामती से वे अपने बेटे को चुनाव लड़ा सकते हैं. हालांकि, अजित ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अजित की नैया इस बार पार लगेगी.

अजित की बारामती सीट एनसीपी का गढ़ माना जाता है. शरद पवार यहां से अपने पोते युगेंद्र को मैदान में उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. युगेंद्र यहां से अगर मैदान में उतरते हैं तो लड़ाई चाचा-बनाम भतीजे की हो जाएगी.

2024 के लोकसभा चुनाव में अजित की पत्नी बारामती विधानसभा सीट से 43000 वोटों से पिछड़ गई थी. विधानसभा चुनाव में यह खाई भरना अजित के लिए आसान नहीं है.

अजित की एक मुश्किलें वोटों का ट्रांसफर भी है. अजित न तो अपना वोट बीजेपी और शिंदे में ट्रांसफर करवा पाए हैं और न ही उनका वोट अपने पाले में ला पाए हैं. 2024 के चुनाव में एनडीए के हार की ये भी एक वजह थी.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button