Technology, Internet Addiction: इंटरनेट की लत से दिमाग में हो सकता है 'केमिकल लोचा', हैरान करने वाली है यह रिपोर्ट — INA

विस्तार

Follow Us



आज जिस हाथ में स्मार्टफोन है वहां इंटरनेट की पहुंच है। आज अधिकतर काम इंटरनेट के जरिए हो रहे हैं। इंटरनेट ने हमारे काम को तो आसान कर ही दिया है लेकिन यह हमारे जीने के तरीके को भी बदल रहा है। इंटरनेट हमारे सोचने के, रहने के तरीके भी बदल रहा। इसके अलावा कई ऐसी भी चीजें हैं जिनमें इंटरनेट की दखल-अंदाजी हो रही है। एक सर्वे में कहा गया है कि इंटरनेट की लत से हमारे दिमाग पर भी गहरा असर हो रहा है और यह हमारे खाने की आदत को भी प्रभावित कर रहा है।

उम्मीद से ज्यादा खतरनाक है इंटरनेट


पहली बार नहीं है जब इंटरनेट की लत को लेकर बातें हो रही हैं। हम सब जानते हैं कि लंबे समय तक मोबाइल, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर समय बिताना हमारे के लिए हानिकारक है, बावजूद इसके हम संभल नहीं रहे हैं। यह कितना ज्यादा नुकसानदायक है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हमारे शरीर को भी प्रभावित कर रहा है।

खानी की बदल रही आदत


हालिया सर्वे में कहा गया है कि इंटरनेट की लत हमारे नींद को प्रभावित करता है, खाने की आदत को बदल रहा है और इसके अलावा यह हमारे दिमाग को भी प्रभावित कर रहा है जिससे सोचने की क्षमता प्रभावित हो रही है। इंटरनेट की लत से लोगों में सोचने की क्षमता खत्म हो रही है। हम कोई निर्णय ढंग से नहीं ले पाते हैं। इंटरनेट का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और किशोरों के विकासशील मस्तिष्क पर पड़ रहा है।
.

नशे की लत वाले व्यवहार को बढ़ावा


इस सर्वे को PLOS मेंटल हेल्थ की मदद से द गार्जियन में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट कहती है कि इंटरनेट की लत मस्तिष्क के भीतर कई तंत्रिका नेटवर्क को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रही है। अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि इंटरनेट की लत युवा लोगों में मस्तिष्क रसायन विज्ञान को कैसे प्रभावित करती है, जिससे ऐसे बदलाव आते हैं जो अधिक नशे की लत वाले व्यवहार को बढ़ावा दे सकते हैं। 

FMRI स्कैनिंग की ली गई मदद


इस शोध में 2013 और 2023 के बीच किए गए 12 पिछले शोध के डाटा को भी शामिल किया गया है। इसमें 10 से 19 वर्ष की आयु के 237 किशोर शामिल थे, जिन्हें औपचारिक रूप से इंटरनेट की लत का निदान किया गया था। दिमागी हालत को जांचने के लिए कार्यात्मक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एफएमआरआई) का इस्तेमाल हुआ ताकि यह पता लगाया जा सके कि इंटरनेट की लत वाले व्यक्तियों में मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्र कैसे बातचीत करते हैं।
.


अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों की ऑनलाइन ऑनलाइन उपस्थिति अधिक थी उनके कार्यकारी नियंत्रण नेटवर्क, सक्रिय सोच, स्मृति और निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क क्षेत्र की कार्यात्मक कनेक्टिविटी में कमी आई थी।

Source link

Back to top button