दुनियां – सीरियाः विद्रोही गुट ने लड़ाकों को शहरों से हटने का दिया आदेश, पल-पल बदल रहे घटनाक्रम – #INA
सीरिया के विपक्षी कमांड (विद्रोही गुट) ने अपने लड़ाकों को शहरों से हटने का आदेश दिया है. साथ ही, सैन्य अभियान से जुड़ी पुलिस इकाईयों और आंतरिक सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया है. रॉयटर्स ने विपक्ष के करीबी दो सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. सीरिया में अभी नई सरकार का गठन नहीं हुआ है. लिहाजा, देश में एक साथ कई घटनाक्रम हो रहे हैं.
बशर अल असद के शासन खत्म होने के बाद से अब तक कम से कम 300 इजराइली हवाई हमले हो चुके हैं. इन हमलों में सीरियाई आर्मी ने सैन्य प्रतिष्ठानों को तबाह कर दिया. खासकर, हथियारों, गोला-बारूद, एयरपोर्ट, नेवी के अड्डे को निशाना बनाया. इजराइल का कहना है कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि हथियार चरमपंथियों की पहुंच में न चले जाएं.
सीरिया में किस तरह बदले हालात?
महज दो हफ्ते में सीरिया के विद्रोही लड़ाकों ने करीब दो दशक लंबे बशर अल असद के शासन का अंत लिख दिया. उत्तर पश्चिम से इन लड़ाकों ने बढ़ना शुरू किया और एक-एक कर देश के बड़े शहरों को फतह कर लिया. पहले अलेप्पो, फिर होम्स और आखिर में दमिश्क पर विद्रोही गुटों ने कब्जा किया. सीरिया में तकरीबन 13 बरस से सिविल वॉर का आलम था.
असल चुनौती नई सरकार बनाने की
सीरिया में अब असल लड़ाई नई सरकार बनाने की है. अभी तक यही लग रहा है कि एचटीएस प्रमुख जुलानी सीरिया की अगली सरकार में निर्णायक भूमिका में होंगे. लेकिन सीरिया में काफी तेजी से बदल रहे हालात में वह अकेले दावेदार नहीं हैं. दूसरी बात ये कि विद्रोहियों में एकजुटता की भी कमी है. ऐसे में, नई सरकार को कैसे एकजुट रखा जाएगा, ये देखना काफी अहम होगा.
सीरिया में बशर अल असद के शासन के खात्मे को पश्चिम खासकर अमेरिका, इजराइल की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही, तुर्की को भी इस उठापटक से काफी फायदा होने की बात कही जा रही है. इस घटनाक्रम से सबसे अधिक परेशानी ईरान और रूस को हुई है. ईरान और रूस बशर अल असद के अहम सहयोगी हुआ करते थे. असद परिवार ने मॉस्को ही में शरण लिया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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