देश- Budget 2024: भागलपुर के पीरपैंती में ही क्यों लगेंगे तीन थर्मल पावर प्लांट? ये है बड़ी वजह | Budget 2024 thermal power project in Peerpainti Bhagalpur Solar plant Coal India Rs 21 thousand 400 crore Land acquired- #NA
थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट (फाइल फोटो)
बिहार के भागलपुर में प्रस्तावित सोलर पॉवर प्रोजेक्ट का प्लान अब बदल गया है. इसी स्थान पर अब सोलर पॉवर प्लांट की जगह तीन थर्मल पॉवर प्लांट लगेंगे. यह तीनों प्लांट 800-800 मेगावाट के होंगे. केंद्र सरकार ने इन तीनों पॉवर प्लांट के लिए मंजूरी देते हुए 21 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर दिया है. इन प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू होने से बिहार की करीब 2 करोड़ आबादी को सीधा लाभ होगा. इन पॉवर प्लांट से सप्लाई शुरू होते ही बिहार में सरप्लस बिजली हो जाएगी और अन्य राज्यों की तरह बिहार भी नो पॉवर कट जोन में शामिल हो जाएगा.
बिहार के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पीरपैंती में पहले 20 हजार करोड़ की लागत से सोलर पॉवर प्रोजेक्ट लगाने की योजना तैयार की गई थी. चूंकि इस इलाके में कोयले का अकूत भंडार है. इसे देखते हुए योजना में बदलाव किया गया है. अब यहां सोलर पॉवर प्लांट के बजाय थर्मल पॉवर प्लांट लगाया जाएगा. इसी के साथ इस पॉवर प्लांट के लिए पहले से तय 20 हजार करोड़ के बजट को भी बढ़ा कर 21 हजार 400 करोड़ कर दिया गया है.
1020.60 एकड़ जमीन अधिग्रहित
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को लगाने की जिम्मेदारी कोल इंडिया को दी गई है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बिजली कंपनी के संचालन का काम भी कोल इंडिया ही करेगी. ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के तहत 800-800 मेगावाट के तीन पॉवर प्लांट लगेंगे. इन तीनों यूनिटों को लगाने और संचालन के लिए 1020.60 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है. यदि भविष्य में जरूर पड़ी तो आसपास की और भी जमीन अधिग्रहित की जा सकती है.
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जमीन राज्य सरकार की और खर्चा करेगा केंद्र
अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से बिहार की करीब 2 करोड़ आबादी को सीधा लाभ होगा. यही नहीं, बिहार में बिजली कटौती की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. बिहार सरकार लंबे समय से इस प्रोजेक्ट की मांग कर रही थी, जिसे अब केंद्र सरकार ने मंजूर करते हुए बजट भी दे दिया है. इस प्रोजेक्ट के तहत जमीन अधिग्रहण में आने वाला पूरा खर्च बिहार सरकार की ओर से किया गया है. वहीं प्रोजेक्ट को तैयार करने से लेकर इसके संचालन में आने वाला खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड ने इस संबंध में कोयला मंत्रालय को लिखे पत्र में मंजूरी दे दी है.
इसलिए बदला प्रोजेक्ट
अधिकारियों के मुताबिक बिहार के भागलपुर में खासतौर पर पीरपैंती इलाके में कोयले का भंडार है. यहां राजमहल का इलाका कोयले की खान के लिए ही जाना जाता है. ऐसे में यहीं के कोल भंडार का इस्तेमाल कर आसानी से थर्मल पॉवर प्लांट का संचालन किया जा सकता है. इसी आधार पर कोल मंत्रालय की कंपनी कोल इंडिया ने यहां थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया था. राज्य और केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सोलर के बजाय अब थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट पर ही आगे बढ़ने का फैसला किया है. चूंकि कोयले का उत्पादन भी कोल इंडिया कंपनी ही करती है, इसलिए थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट को लगाने और इसके संचालन की जिम्मेदारी भी कोल इंडिया कंपनी को ही दी गई है.
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