देश- AIIMS में जांच के लिए हैं तैयार… पूजा खेडकर ने फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट का आरोप किया खारिज- #NA

बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकरImage Credit source: PTI

पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर पर फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र दाखिल करने का आरोप लगा था. इस मामले में उस पर केस भी दायर किया गया है. गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर ने कहा कि वह एम्स में अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं.

पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप लगाया है. इस मामले में कोर्ट में गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वह अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं. पहले उन्होंने कहा था कि उनसे अपना नाम बदल लिया है. अब वे कह रहे हैं कि विकलांगता फर्जी है, लेकिन वह विकलांगता की मेडिकल जांच कराने के लिए एम्स जाने के लिए तैयार हैं.

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सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की है. पुलिस ने कोर्ट से आगे की जांच के लिए 10 दिन और समय की मांग की है. जब तक मामले की सुनवाई होती रहती है, खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण जारी रहेगा.

पूजा खेडकर ने छिपाई है जानकारी

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने आरोप लगाया कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा देते समय कई सूचनाएं छिपाई हैं.

पूजा खेडकर के वरिष्ठ वकील ने कहा कि पुलिस ने मामले में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दबाव नहीं डाला है और वैसे भी इसकी आवश्यकता नहीं थी क्योंकि अधिकारियों के पास सभी रिकॉर्ड उपलब्ध थे.

पूजा खेडकर पर यूपीएससी का बैन

पुलिस की ओर से कहा गया कि यह साजिश थी. पुलिस ने उसे हिरासत में लेने पर जोर दिया, क्योंकि इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों का पता लगाने की जरूरत है.

31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करते हुए उसे अगली परीक्षाओं से वंचित कर दिया है. हालांकि उन्होंने सभी आरोपों से इनकार कर दिया है.

यूपीएससी और दिल्ली पुलिस की ओर से पूजा खेडकर की गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए उसकी याचिका को खारिज करने की मांग की है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसे कोई भी राहत देने से जांच में बाधा आएगी और इस मामले का जनता के भरोसे के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की ईमानदारी पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा.

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