अब आप भी खरीद सकते हैं नींद, जानें क्या है Sleep Tourism, क्यों है ये ट्रेंड में #INA
Sleep Tourism: इन दिनों लोग अपनी लाइफस्टाइल की वजह से इतने ज्यादा बिजी हो गए है कि उनके पास खुद के लिए टाइम ही नहीं है. वहीं लोगों की आजकल एक शिकायत काफी आ रही है कि उनकी नींद पूरी नहीं हो रही है. वहीं इसी को देखते हुए हास्पिटेलिटी की दुनिया ने अपने कस्टमर की इस मांग को पूरा करने के लिए तेजी से स्लीप टूरिज्म का चलन बढ़ाया है. पहले के टाइम में लोग घूमने के लिए बाहर जाते थे, लेकिन आजकल लोग अपनी नींद को पूरा करने के लिए बाहर घूमने जा रहे है. आज लोग सिर्फ सोने के लिए बाहर घूमने जा रहे है और होटल के कमरे में सो जाते है. आइए आपको बताते है इसके बारे में.
क्या है स्लीप टूरिज्म
स्लीप टूरिज्म को ‘नैप्सेशन’ या ‘नैप हॉलिडे’ भी कहा जाता है. यहां लोग घूमने के लिए नहीं बल्कि आराम और अच्छी नींद लेने के लिए जाते है. इसका उद्देश्य नींद की गुणवत्ता, पैटर्न और सेहत को बेहतर बनाना है, जिससे मन और शरीर को डिटॉक्स कर अपने काम पर फोकस कर सकते है.
स्क्रीन पर टाइम स्पेंड
आज की जिंदगी लोगों की डिजिटल जिंदगी बन गई है. जिसमें लोग अपनी नींद पूरी नहीं ले पाते हैं. स्क्रीन पर ज्यादा टाइम स्पेंड करने से उनकी नींद खराब हो रही है. इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
स्लीप पैकेज
भारत में उदयपुर, जयपुर, सवाईमाधोपुर, कूर्ग, कोडाईकनाल, मसूरी, ऋषिकेश, गोवा, केरल और मेघालय जैसी जगहें स्लीप टूरिज्म के लिए पसंदीदा जगह बन गए हैं. जयपुर में कई रिसॉर्ट और होटल स्लीप पैकेज उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनकी कीमत 7 से 50 हजार रुपये तक है.
क्या कहती है रिपोर्ट
वीजा ग्लोबल ट्रेवेल इंटेंशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, विदेश यात्रा कर रहे भारतीयों में 51 प्रतिशत लोगों के लिए आराम करना प्राथमिकता होती है.
85 प्रतिशत भारतीय घूमने के दौरान चाहते हैं सुकून से सोना, जबकि 20 प्रतिशत भारतीय घुमक्कड़ों की अगली सूची में शामिल है नैपेकेशन पर जाना.
13 प्रतिशत आबादी रात में पांच घंटे से भी कम समय की नींद ले रही है भारत में। बढ़ता काम का दबाव, तनाव और अन्य वजहें हैं इसकी कारक, जो बढ़ा रहे हैं स्लीप टूरिज्म के अवसर.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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