देश- राजस्थान में फिर गरमाया RPSC का मुद्दा, कांग्रेस बोली- बीजेपी के मेनिफेस्टो में था शामिल- #NA
राजस्थान में आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है
राजस्थान में पिछले सालों में हुई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर लीक के मुद्दों पर सबसे ज्यादा राजनीति हुई. सालों से परीक्षा की तैयारी कर रहे नौजवानों को बार-बार पेपर लीक के दंश को झेलना पड़ा. इस दौरान कई सरकारें आई और गई मगर हालात जस के तस रहे और राजस्थान पुलिस सर्विस कमीशन (RPSC) में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक और मिलीभगत का खेल चलता रहा. विधानसभा चुनाव में पेपर लीक सबसे बड़ा मुद्दा रहा. बीजेपी ने आरपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए तत्कालीन मौजूदा सरकार को जमकर निशाने पर लिया, लेकिन अब उसी आरपीएसी के पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस ने मौजूदा सरकार को निशाने पर लिया है.
ताजा विवाद 2021 में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा को लेकर है. जहां पेपर लीक के आरोप में आरपीएससी के दो सदस्य बाबूलाल कटरा और रामू राम राईका एसओजी के गिरफ्त में है. रामू राम राइका पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर अपने बेटा-बेटी और बहू को पेपर दिया और उन्हें सब इंस्पेक्टर बनवाया हालांकि एसओजी की गिरफ्त में राईका के बेटा बहू और बेटी भी हैं.
सचिन पायलट ने उठाया था सबसे पहले आवाज
आरपीएससी के पुनर्गठन की सबसे पहले आवाज उठाने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है. चाहे वो कोई भी दल हो या कोई भी नेता या फिर को संस्था. जो खिलवाड़ नौजवानों के साथ राजस्थान में हुआ उसके लिए जो जिम्मेदार लोग हैं उन पर कार्रवाई करनी पड़ेगी. RPSC में जिस तरह हर दिन नए खुलासे हो रहे है उसके बाद इस संस्थान और व्यवस्था के मूल रूप में एक बड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा.
पायलट ने कहा कि RPSC का पूनर्गठन करना पड़ेगा. राजस्थान की सरकार को जल्द से जल्द इस बड़े बदलाव को लागू करते हुए नियुक्तियों और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना पड़ेगा. सचिन पायलट ने कहा बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर चंद रुपयों के लिए भविष्य बेचने वाले लोगों पर कार्रवाई आखिरी तह तक होनी चाहिए, इसके पीछे से बड़े से बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो उनके नाम सामने आने चाहिए.
कानून मंत्री बोले- आरपीएससी का पुनर्गठन संभव नहीं
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने आरपीएससी पुनर्गठन की मांग की तो उस पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि आरपीएससी का पुनर्गठन करना संभव नहीं, इसको लेकर नियम प्रक्रिया है. शायद सचिन पायलट को इसकी जानकारी नही है. जोगाराम पटेल ने कहा कि यह एक संवैधानिक बॉडी होती है इसका पुनर्गठन किया जाना संभव नहीं है. मैं पूछता हूं कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट स्वयं बताएं कि इसका पुनर्गठन कैसे किया जा सकता है और किन नियमों के तहत हो सकता है?
वही राजस्थान में पेपर लीक के मुद्दे पर बीजेपी के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सचिन पायलट की सुर में सुर मिलाया. पायलट ने आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग की तो किरोड़ी ने इसका समर्थन किया. सियासी जानकर इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे है. जानकारों का कहना है कि पेपर लीक के मुद्दे पर जिस तरह पायलट ने गहलोत सरकार को छकाया था, ऐसा ही किरोड़ी लाल करना चाहते है.
गेंद अब भजनलाल सरकार के पाले में
आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग कर किरोड़ी लाल ने अब गेंद भजनलाल सरकार के पाले में डाल दी है. हालांकि, भजनलाल सरकार ने आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया है. इस पर बोलते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह बात सही है कि आरपीएससी का पुनर्गठन होना चाहिए.
किरोड़ी ने कहा कि सचिन पायलट उनकी सरकार के समय क्यों नहीं करवा पाए। वैसे आरपीएससी का पुनर्गठन करना बड़ी टेढ़ी प्रक्रिया है. क्योंकि इसका मामला राष्ट्रपति तक जाता है और फिर भी हमारी सरकार इसको अपने स्तर पर एग्जामिन करवा रही है. अगर वास्तव में कोई ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने पेपर लीक मुद्दे पर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पेपर लीक मुद्दे को हमारी कांग्रेस सरकार ने उठाया था और इसकी जांच सबसे पहले एसओजी को सौंपी थी. हम नकल विरोधी कानून लाए थे. आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा हमारी सरकार के दौरान ही गिरफ्तार हुआ था.
खाचरियावास बोले- सरकार वादों से मुकर रही
उन्होंने कहा कि रही बात आरपीएससी के पुनर्गठन की तो बीजेपी पिछले विधानसभा चुनाव में अपने मेनिफेस्टो में यह वादा कर चुकी थी कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह आरपीएससी का पुनर्गठन करवाएंगे, लेकिन वर्तमान की बीजेपी सरकार जनता से किए अपने वादे से मुकर गई है और विदेश यात्राओं में व्यस्त है. भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के साथ बीजेपी की सरकार अन्याय कर रही है. अब उनकी सरकार है तो यह बड़े से बड़े आरोपियों को भी सजा दिलाने में सक्षम है, लेकिन सरकार इस और ध्यान ही नहीं दे रही. सरकार तो सिर्फ विदेश यात्राओं में व्यस्त है.
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