स्मार्टफोन बन रहा है आपके बच्चों का दुश्मन, ऐसे दूर करें इस लत को #INA
कितना ही छोटा बच्चा क्यों ना हो अगर उसको फोन दे दें तो वो शांत हो जाता है. वहीं बच्चों को मोबाइल और
टीवी स्क्रीन की आदत इतनी ज्यादा लग गई है कि वो सारा टाइम बस फोन और टीवी स्क्रीन में बिजी रहते है. वहीं अगर बच्चों को फोन और टीवी स्क्रीन देखने से रोके तो वो काफी ज्यादा चिड़चिड़े हो जाते है. लेकिन यह उनकी सेहत के लिए कितना ज्यादा खराब है यह शायद आप नहीं जानते है. वहीं जितना छोटा बच्चा होता है उसकी उम्र पर फोन उतना ही ज्यादा प्रभाव डालता है. हाल ही में एक सर्वे में सामने आयाा कि छह साल से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम और स्क्रीन एक्सपोजर के दुष्प्रभाव बेहद गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि यह उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को प्रभावित कर सकता है. आइए आपको बताते है कि इससे बच्चे के दिमाग पर क्या असर पड़ सकता है.
नींद में कमी
वहीं अगर बच्चा ज्यादा फोन इस्तेमाल करता है, तो इससे बच्चे के नींद पर भी काफी असर पड़ता है. वहीं स्क्रीन टाइम की वजह से बच्चे की शारीरिक क्षमता पर काफी ज्यादा असर पड़ता है.
बातचीत करने में दिक्कत
एक्सपर्ट के मुताबिक इतने साल की उम्र में बच्चों का दिमाग तेजी से डेवलेप होता है. वहीं अगर हम ऐसे में बच्चों को फोन देते है, तो यह उनकी भाषा पर भी काफी असर डालता है. वहीं बच्चों का जो सिखने का टाइम है वो स्क्रीन टाइम की वजह से काफी ज्यादा प्रभावित करता है. वहीं फोन पर ज्यादा टाइम स्पेंड करने वाले बच्चे हर चीज में पीछे रह जाते है.
स्क्रीन का टाइम सीमित करें
आप कोशिश करें कि आप अपने बच्चे को फोन दे ही ना और अगर फोन देना पड़ रहा है, तो आप अपने बच्चों को वीडियो कॉल या फिर किसी जरूरी चीज के लिए ही दे. इसकी जगह आप बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजें, किताबें पढ़ाएं औ कहानियां सुनाएं.
सोने से पहले फोन ना दें
बच्चों की नींद का समय तय करें और सुनिश्चित करें कि सोने से पहले वे स्क्रीन से दूर रहें. सोने से पहले कोशिश करें कि बच्चे को एक अच्छी जगह दें. वहीं अपने बच्चे को जितना हो फोन से दूर ही रखें. यह सुनिश्चित करें कि वे भी बच्चों के सामने कम से कम स्क्रीन का उपयोग करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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