देश- हरियाणा विधानसभा भंग: कांग्रेस का दावा, यह कदम संवैधानिक संकट से बचने की ‘हताश कोशिश’- #NA
जयराम रमेश. (फाइल फोटो)
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को राज्य विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. इससे एक दिन पहले ही कैबिनेट ने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी. वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र बुलाने में हरियाणा सरकार की विफलता के कारण उत्पन्न संवैधानिक संकट को टालने के लिए राज्य की विधानसभा को भंग कर दिया गया.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यह जानते हुए भी अपने पद पर बने रहे कि उनके पास जनादेश नहीं है. उन्होंने कहा कि जानबूझकर छह महीने तक विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया गया, क्योंकि एक बार विधायकों के सदन में आने से यह हमेशा के लिए साबित हो जाता कि बीजेपी के पास विधानसभा में बहुमत नहीं है.
लोकतंत्र को किया गया तार-तार
जयराम रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री यह जानते हुए भी अपने पद पर बने रहे कि उनके पास जनादेश नहीं है. यह एक ऐसी पार्टी द्वारा लोकतंत्र को तार-तार करना है, जिसे अब समझ नहीं आता कि सत्ता पर पकड़ के बिना कैसे रहा जाए. लेकिन 8 अक्टूबर, 2024 के बाद से उनके पास नई वास्तविकता के साथ सामंजस्य बिठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
विधानसभा भंग करने की सिफारिश
बता दें कि हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र गत 13 मार्च को बुलाया गया था. विधानसभा का सत्र हर 6 महीने में एक बार बुलाना जरूरी है. इस संवैधानिक संकट को टालने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी.
बीजेपी के पास बहुमत नहीं
जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि जानबूझकर छह महीने तक विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया गया, क्योंकि एक बार विधायकों के सदन में आने से यह हमेशा के लिए साबित हो जाता कि विधानसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. बता दें कि हरियाणा विधानसभा की 90 सीट पर पांच अक्टूबर को एक चरण में मतदान होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी.
नायब सिंह सैनी बने मुख्यमंत्री
हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब नायब सिंह सैनी सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था और अगला सत्र आगामी 12 सितंबर तक बुलाया जाना जरूरी था. नायब सिंह सैनी ने मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था. खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं.
16 अगस्त को चुनाव की घोषणा
सरकार आमतौर पर अगस्त में मानसून सत्र बुलाती रही है. हालांकि, 16 अगस्त को चुनाव की घोषणा कर दी गई जिसके बाद सरकार ने सत्र नहीं बुलाया. भंग कर दी गई विधानसभा में बीजेपी के 41, कांग्रेस के 28, जेजेपी के छह, हरियाणा लोकहित पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के एक-एक सदस्य थे जबकि चार निर्दलीय थे. वहीं, नौ सीट खाली थीं.
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