देश – …तो क्या कांग्रेस-NC के पाले में जाएंगे इंजीनियर रशीद? J-K में समर्थन देने के लिए क्यों रखी ये बड़ी शर्त – #INA

जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय सांसद और अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर ने बृहस्पतिवार को श्रीनगर पहुंचते ही कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ केंद्र में सत्ता में आने पर संविधान के अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा करता है तो वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उसके उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। बारामूला लोकसभा सीट से सांसद रशीद ने संवाददाताओं से कहा, “अगर ‘इंडिया’ गठबंधन हमें आश्वासन देता है कि वह दिल्ली में सत्ता में आने पर अनुच्छेद 370 को बहाल करेगा, तो मैं अपने हर उम्मीदवार से कहूंगा कि वे अपने समर्थकों का एक-एक वोट उनके लिए दिलाने का संकल्प लें।”

‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के तहत विपक्षी दलों ने मिलकर इस साल लोकसभा चुनाव लड़ा था। रशीद को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते बुधवार को एक अदालत ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। उन्होंने कहा कि अगर भारत को वैश्विक शक्ति बनने का सपना साकार करना है तो उसे कश्मीर मुद्दे का समाधान करना होगा।

उन्होंने कहा, “अगर भारत को विश्व गुरु बनना है तो कश्मीर का मसला हल होना चाहिए। अगर आपके (मोदी के) पास कोई बेहतर उपाय है तो कृपया हमें बताएं। आप कह रहे हैं कि दूसरा हिस्सा (कश्मीर का) इस हिस्से से जुड़ना चाहता है। यह सच भी हो सकता है, लेकिन हम इसका पता कैसे लगाएंगे?” आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों का सामना कर रहे नेता ने कहा कि यदि कश्मीर मुद्दे के समाधान के बारे में बात करने के कारण उन्हें अलगाववादी करार दिया जा रहा है, तो समूचा उत्तरी कश्मीर क्षेत्र अलगाववादी है, क्योंकि यहां के लोगों ने उनके लिए वोट दिया है।

उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम न तो भारत के दुश्मन हैं, न ही पाकिस्तान के एजेंट हैं। हम अपनी अंतरात्मा के एजेंट हैं। मोदी ने पांच अगस्त, 2019 को हमसे सब कुछ छीन लिया – अवैध और असंवैधानिक रूप से।” उन्होंने कहा कि घर में बैठकर बयान देने से अनुच्छेद 370 बहाल नहीं होगा। उन्होंने कहा, “370 की वापसी कैसे होगी? आपको लाल चौक पर प्रदर्शन करना होगा और लाठियां खाने के लिए तैयार रहना होगा। लेकिन वे (नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी) ऐसा नहीं कर सकते। जब अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार के अलावा कोई भी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस नहीं दिला सकता, तो उन्होंने यह कहने की भी हिम्मत नहीं की कि हम इसके लिए लड़ेंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें हिंसक होना पड़ेगा। गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से ऐसा किया।”

उन्होंने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा उनके खिलाफ दिए गए बयान पर दुख जताते हुए कहा कि भाजपा नेता राम माधव के एक ट्वीट के जरिए उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया। रशीद ने कहा, “अगर महबूबा ने अनुच्छेद 370 को हटाने की भाजपा की योजना के विरोध में इस्तीफा दिया होता तो मैं कहता कि वह शेरनी हैं। लेकिन उन्हें यह भी नहीं पता था कि राम माधव ने कब ट्वीट किया कि (पीडीपी-भाजपा) सरकार अब नहीं रही।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को पहले से पता था कि केंद्र अनुच्छेद 370 को रद्द करने जा रहा है। रशीद ने उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि उन्होंने सहानुभूति वोट के कारण लोकसभा चुनाव जीता। लोकसभा सदस्य ने यह पूर्वानुमान भी व्यक्त किया कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन और उमर अब्दुल्ला अपनी-अपनी दोनों सीटों से विधानसभा चुनाव हार जाएंगे। लोन हंदवाड़ा और कुपवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अब्दुल्ला गांदेरबल और बडगाम सीटों से उम्मीदवार हैं।

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