देश- ऑनलाइन ट्रेडिंग, शेयर का लालच और मुनाफा ही मुनाफा… कैसे साइबर ठगों ने रिटायर्ड कर्नल को लगाया डेढ़ करोड़ का ‘चूना’- #NA
सांकेतिक फोटो.
बाराबंकी जिले में एक बड़ी साइबर क्राइम की घटना सामने आई है. यहां एक रिटायर्ड कर्नल से फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी की गई है. आरोपियों ने शेयर मार्केट में निवेश और तगड़े मुनाफे के लाभ में फंसा कर कर्नल से एक करोड़ 63 लाख 71 हजार रुपए की ठगी की. धोखाधड़ी का एहसास होने पर कर्नल ने साइबर सेल में शिकायत की, जिस पर मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई.
साइबर सेल में की गई शिकायत के अनुसार, 64 साल से कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और डॉ. केएनएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रहते हैं. उनके साथ धोखाधड़ी जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान हुई. रिटायर्ड कर्नल डॉ. आलोक ने बताया कि वॉट्सऐप पर दो अलग-अलग फर्जी ट्रेडिंग ऐप SMIFS मैक्स और LSV मैनेजमेंट दो अलग-अलग समूहों द्वारा चलाए जा रहे हैं. इन्होंने उन्हें शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर ठगी की है. वह वॉट्सऐप ग्रुप ऑल मेमोथ प्रोजेक्ट गोल्ड मेडल क्वालीफायर में 16 अगस्त को शामिल हुए थे.
स्टॉक में मुनाफे का किया था दावा
एक अन्य ग्रुप में 10 जुलाई को पहले ही शामिल हो चुके थे और 16 अगस्त को इसे छोड़ दिया था. ट्रेडिंग ऐप के मुख्य आरोपी आनंद सेल्वकेसरी और ऐप ऑपरेटर शालिनी त्रिवेदी ने 9 जुलाई 2024 को उनसे संपर्क किया और शेयर बाजार में निवेश के लिए ट्रेनिंग का प्रस्ताव रखा. 10 जुलाई को उन्हें VIP 34 ग्रुप में शामिल होने को कहा. शेयर बाजार पर ऑनलाइन क्लास आयोजित की जा रही थीं. क्लास के दौरान एक विशेष योजना के बारे में बताया गया, जिसमें यूसी स्टॉक के जरिए बड़ा मुनाफा कमाने का वादा किया गया था.
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शुरू में नहीं हुआ था संदेह
इसके लिए उन्होंने ऐप डाउनलोड किया, जिसमें KYC और रजिस्ट्रेशन किया. इसके बाद अलग-अलग व्यक्तिगत बैंक खातों में धनराशि जमा करवाई गई. शुरुआत में फायदा दिखाया गया, जिससे संदेह नहीं हुआ. धीरे-धीरे शालिनी और आनंद ने उन्हें अधिक निवेश के लिए प्रेरित किया. इस पर उन्होंने अपनी जमा पूंजी और बैंक से कर्ज लेकर 55.10 लाख का निवेश किया. जब पैसे निकालने की कोशिश की तो कई बहाने बनाए और निकासी रोक दी. 31 अगस्त को रिटायर्ड कर्नल को अहसास हुआ कि यह एक धोखाधड़ी है.
जीवन भर की कमाई ले गए आरोपी
इसी तरह धोखाधड़ी के दूसरे मामले में एक करोड़ 8 लाख 61 हजार रुपए जमा करा लिए. इसके बाद उन्होंने 29 लाख की फीस जमा करने को कहा, तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ. इन दोनों मामलों में उनके जीवन भर की जमा पूंजी चली गई. फिलहाल साइबर सेल ने यह मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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