देश- बिजली ऑफिस से आया फोन और बैंक खाते से गायब हो गए पैसे… ये है फ्रॉड का नया तरीका- #NA
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आज कल ठगी को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश आए दिन नई तरकीबें निकाल रहे हैं. ठगी के तरीके रोज बदल रहे हैं. बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर के वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल में ऐप डाउनलोड कराने के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ठग उनके खाते से मोटी रकम उड़ा रहे हैं. मुजफ्फरपुर में बिजली विभाग ने ठगी पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ताओं को इस स्कीम से बचकर रहने की अपील की है.
बिजली विभाग के द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन होता है. इसके लिए ऑनलाइन या किसी प्रकार के एप की मदद नहीं ली जाती है. मुजफ्फरपुर में कई लोगों पर भी साइबर फ्रॉड इस हथकंडे को आजमा चुके हैं. कुछ तो इनके शिकार भी हुए हैं. इसकी रोकथाम के लिए ऊर्जा विभाग ने अपने बिजली उपभोक्ताओं को इस स्कीम से बचने की अपील की है. हर कॉल पर अलर्ट रहने को कहा है.
ऐसे हो रहे ठगी के शिकार
मालीघाट के रहने वाला रमेश कुमार को वेरिफिकेशन के लिए साइबर फ्रॉड का कॉल आया. रमेश ने बताया कि बेंगलुरु से फोन आया था जिसमें शख्स ने कहा कि बिजली विभाग के टेक्निकल सेल से बोल रहे हैं. आपका मीटर रिचार्ज नहीं है. उससे एक ऐप इंस्टॉल करने को कहा. रमेश कुमार ने फ्रॉड की बात मान ली. उन्होंने ₹16 एक खाते में ट्रांसफर किए. इसके बाद कुछ देर तक उनका मोबाइल काम करना बंद हो गया.
जब मोबाइल सही से काम करना शुरू हुआ उनके अकाउंट से ₹3500 गायब हो चुके थे. यूपीआई के जरिए उनके खाते से पैसे ट्रांसफर हुए थे. उसने इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज भी की लेकिन अब तक कुछ खास पता नहीं चल पाया.
नहीं किया एप डाउनलोड
जन सूरज के कार्यकर्ता अब्दुल मजीद ने इसे लेकर बिजली कार्यालय में शिकायत की है. उन्होंने बताया कि बीते दिन उन्हें एक फोन आया. बताया कि वह बिजली विभाग से बोल रहा है आपके स्मार्ट मीटर का रिचार्ज खत्म होने वाला है. स्मार्ट मीटर का वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ है. इसे लेकर उन्हें अपने मोबाइल पर एक ऐप लोड करने की सलाह दी. कहा कि अपलोड कर उसके माध्यम से ₹16 ट्रांसफर करें. अब्दुल मजीद ने बिजली विभाग के स्थानीय कार्यपालक अभियंता को फोन कर इसकी जानकारी दी. एप मोबाइल में डाउनलोड नहीं किया. इससे अब्दुल मजीद ठगी के शिकार होने से बच गए.
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