मुंह के कैंसर को डिटेक्ट करेगा AI, एम्स के डॉक्टरों ने नई तकनीक को लेकर दिया बड़ा अपडेट #INA

मुंह में कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टरों ने एआई का उपयोग करना शुरू कर दिया है. इसकी मदद से मात्र तस्वीरों और रिपोर्ट के आधार पर बीमारी का पता लगाया जा सकता है. हालांकि एम्स की दंत अस्पताल की प्रमुख डॉ ऋतु दुग्गल का कहना है कि वैसे तो कैंसर की पुष्टि बायोपसी के जरिए की जाती है, जो गोल्डन टेस्ट की तरह है. मगर एआई तकनीक भी स्क्रीनिंग में मददगार हो रहा है. डॉ दुग्गल ने बताया कि ओरल कैंसर का सबसे आम लक्षण मुंह के अंदर सपाट सफेद या लाल धब्बा या एक छोटा सा घाव है.

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ये ज्यादातर 50 से 74 साल वाले उम्र के वयस्को में देखा गया है. अगर आपके मुंह में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं और यह बीते तीन हफ्ते से बरकरार रहते हैं. खासकर ऐसे लोग जो ज्यादा शराब पीते और धुम्रपान करते हैं, ऐसे लक्षण दिखाई देने पर उन्हें दंत चिकित्सक से मिलने की जरूरत है.  

परांपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है.

डॉ दुग्गल कहना है कि आमतौर पर दांतों का डेंचर बनाने के लिए परांपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है. अब डेंचर बनाने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है. कंप्यूटर का उपयोग करके बड़ी आसानी से नकली दांतों को तैयार किया जाता है. इसके लिए मरीज की थ्री मैंपिंग की जाती है. इस तरह से मरीज को काफी सुविधा होती है. 


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