देश- बिहार को फॉलो कर रहे दूसरे राज्य, बोले उर्जा मंत्री- बिजली बिल को लेकर लगे आरोप निराधार- #NA
बिजेंद्र प्रसाद यादव. (फाइल फोटो)
बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बिजली बिल को लेकर आरोपों पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि जो लोग बिजली बिल को लेकर आरोप लगा रहे हैं. उनके आराेप निराधार हैं. बिजेंद्र यादव ने कहा कि 50 लाख लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगा चुका है. अगर गड़बड़ी होती तो तूफान मच जाता.
उर्जा मंत्री ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते कुछ लोग गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहर में स्मार्ट मीटर लगा चुका है, बिजली नहीं जा रही है. यहां बिल ज्यादा नहीं आ रहा है तो गांव में कैसे ज्यादा आ जाएगा? मंत्री ने कहा कि जो लोग अवैध तरीके से कनेक्शन लिए हुए हैं. बिल भुगतान नहीं करते हैं, वही ऐसा कहते हैं.
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट बनाने का अधिकार
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट बनाने का अधिकार संसद को है. कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि कंपनी बनाकर के हम लोगों ने प्रॉफिट कमाने और गरीबों का शोषण करने के लिए ये एक्ट बनाया. यह देश फेडरल स्ट्रक्चर का देश है. पहले बिजली बोर्ड भी ऑटोनॉमस बॉडी थी. जब इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में परिवर्तन हुआ तो इसे होल्डिंग कंपनी में बदल दिया गया.
उन्होंने कहा कि जब बिहार का बंटवारा हुआ तो 110 मेगावाट की दो यूनिट बरौनी में और 110 मेगावाट की दो यूनिट हिस्से में मिली. लोग सवाल उठाते हैं कि अपना प्रोडक्शन कितना होता है. मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट बनाने का अधिकार संसद को है. किसी भी राज्य में अपना पावर हाउस नहीं होता है.
एनटीपीसी के साथ एग्रीमेंट
उन्होंने कहा कि कोयला भारत सरकार का, रेल भारत सरकार की. हमने आते ही 2000 मेगावाट नबी नगर में, 500 मेगावाट बरौनी में और 400 मेगावाट मुजफ्फरपुर में यूनिट बनाने का काम प्रारंभ किया. कालांतर में जो पुराने लोग हैं वह जान रहे होंगे कि बिहार में 60 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन नहीं होता था. आंदोलन और हर तरफ यूनियनबाजी चलती थी. हम लोगों ने उसे एनटीपीसी को दे दिया. जिसमें 80 प्रतिशत पावर के साथ एग्रीमेंट हुआ.
कंपनी को बेचने का आरोप निराधार
एक आरोप लगा कि कंपनी के द्वारा शोषण किया जा रहा है. मीटर लगाने का काम 2019 में शुरू हुआ. डिपार्टमेंट और कंपनी मिल के काम करती थी. हमने टेंडर निकाला, जिसमें 5-6 कंपनियां आईं. टेंडर का नियम यह है कि कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाएंगी और जब उसका बिल आएगा, उसमें से 10 परसेंट होल्डिंग कंपनी उसे भुगतान करेगी. अगले 10 साल तक उसकी गारंटी है, मेंटेन वही करेगी. इसीलिए कंपनी को बेचने का आरोप निराधार है. इसका कोई मतलब नहीं है.
स्मार्ट मीटर लगाने वाला पहला राज्य
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार स्मार्ट मीटर लगाने वाला पहला राज्य है. महाराष्ट्र में तो अभी स्मार्ट मीटर लगना शुरू ही हुआ है. मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध होता है. जब मोबाइल में बिल ज्यादा नहीं आता तो मशीन कहां से बेईमान हो जाएगी? उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से टेंडर का निर्णय हुआ था. बिल जमा करने के बाद भी बिजली नहीं आने के सवाल पर बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि उसके लिए सिस्टम डेवलप किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अफसर को बिजली फ्री दी जाती है, यह सरकार का निर्णय है.
शिकायतें दूर करने के लिए सिस्टम डेवलप
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कहीं-कहीं से शिकायतें आती हैं. उसे दूर करने के लिए सिस्टम डेवलप हुआ है. हमारे ऑफिसर लोगों के बीच में मीटिंग कर रहे हैं. तीन महीना से अधिक एडवांस जमा करने पर बैंक में जितना इंटरेस्ट मिलता है उससे दोगुना हम लोग छूट देते हैं. जो कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है उससे हम बिजली नहीं खरीदते हैं. हम लोग एनटीपीसी और मार्केट से बिजली खरीदते हैं और उसे बेचते भी हैं.
बिजली बिल की शिकायतें
उनका कहना था कि जो कंपनी घर में स्मार्ट मीटर लगाती है वह लोगों से पैसा नहीं लेती है. हर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार करते थे, उसमें बिजली बिल की शिकायतें आती थीं. मुख्यमंत्री ने उसी समय तय किया कि स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा. पिछले दिनों सात आठ राज्यों के लोग स्मार्ट मीटर देखने के लिए बिहार आए थे. भारत सरकार ने भी इसे कई मीटिंग में कहा कि बिहार को फॉलो किया जाए. कई मामले में बिहार की कंपनी को अवार्ड में मिला है.
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