Inspiring Story of Mahatma Buddha: महात्मा बुद्ध और किसान की प्रेरणादायक कहानी, ये है दुखों से मुक्ति का सरल मार्ग #INA
Inspiring Story of Mahatma Buddha: महात्मा बुद्ध प्राचीन भारत के एक महान धार्मिक गुरु थे. छोटी सी उम्र में ही वैभवशाली जीवन छोड़कर महात्मा बुद्ध सत्य की खोज में निकल पड़े थे. अंततः बोध गया में उन्हे ज्ञान प्राप्त किया. बुद्ध के उपदेशों ने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. बौद्ध धर्म आज दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक है. बुद्ध को शांति, ज्ञान और करुणा का प्रतीक माना जाता है. हम आपको एक गरीब किसान और महात्मा बुद्ध की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपको भी अपने दुखों से बाहर आने सा सही मार्ग मिल जाएगा.
महात्मा बुद्ध और गरीब किसान की कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक गरीब किसान रहता था जिसका नाम रामू था और वो बहुत मेहनती था. खूब मेहनत करने के बाद भी उसके जीवन में हमेशा दुख और परेशानी ही रहती थी. उसके पास बहुत कम संसाधन थे और परिवार का भरण-पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया था. एक दिन उसने सुना कि गौतम बुद्ध उसके गांव के पास जंगल में उपदेश देने आए हैं.
रामू ने सोचा कि शायद बुद्ध मुझे मेरे जीवन की समस्याओं का समाधान दे सकते हैं. यह सोचकर वह गौतम बुद्ध के पास गया. जब वह वहाँ पहुँचा, तो उसने देखा कि बुद्ध एक पेड़ के नीचे लेटे हुए हैं. वे बैठे हैं और लोग उनके चारों ओर जमा हो गए हैं. सभी उन्हें सुन रहे थे. रामू बुद्ध के सामने गया और अपनी समस्या बताई और कहा कि गुरुदेव मेरे जीवन में बहुत दुख है. मेरे पास बहुत कम संसाधन हैं और मैं अपने परिवार का ठीक से ध्यान नहीं रख पा रहा हूं. कृपया मुझे मार्गदर्शन करें कि मैं अपने जीवन को कैसे बेहतर बना सकता हूं.
गौतम बुद्ध मुस्कुराते हुए बोले पहले एक झोपड़ी में जाओ और आराम से बैठो. रामू ने उनकी बात मान ली और जाकर झोपड़ी में बैठ गया. बुद्ध ने अपने शिष्य आनंद से कहा रामू को एक गिलास पानी दो. आनंद रामू के लिए पानी लाया. रामू ने पानी पिया और कुछ हद तक शांत महसूस किया. फिर बुद्ध ने कहा अब बाहर जाओ और खेत से मुट्ठी भर मिट्टी लाओ. रामू ने ऐसा ही किया और वापस आकर मिट्टी बुद्ध के सामने रख दी.
बुद्ध ने मिट्टी अपने हाथ में ली और चारों दिशाओं में फेंक दी. फिर उन्होंने रामू से पूछा तुमने क्या देखा, रामू ने उत्तर दिया गुरुदेव मिट्टी चारों दिशाओं में बिखर गई है. बुद्ध ने समझाया, रामू, जैसे यह मिट्टी चारों दिशाओं में बिखर रही है उसी तरह आपके दुख भी आपके विचारों के कारण सभी दिशाओं में बिखरे हुए हैं. अगर आप अपने विचारों को नियंत्रित करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं तो आपको सुख मिलेगा. अगर हम अपने मन को नियंत्रित करते हैं तो दुख भी नियंत्रित हो जाएगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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