देश – कुछ बेवजह मुद्दा उठाते हैं… हिमाचल में नेम प्लेट वाले विवाद के बीच क्या बोलीं प्रतिभा सिंह – #INA

हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों के लिए पहचान अनिवार्य किए जाने के मामले में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस आदेश से राज्य सरकार के खुद को अलग करने के बाद विक्रमादित्य सिंह और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर प्रतिभा सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जब भी वह दिल्ली आते हैं तो वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की कोशिश करते हैं।

एएनआई से बात करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा, जब भी हम दिल्ली आते हैं, तो हम वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कोशिश करते हैं, पार्टी हाईकमान से मिलते हैं। हम उनके आदेशों का पालन करते हैं।

उन्होंने आगे कहा, हम के.सी. वेणुगोपाल से मिले, हमने उनसे बात की है। कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो बेवजह कुछ मुद्दा उठाते हैं, हमें पार्टी के आदेशों का पालन करना है और राज्य की बेहतरी को भी देखना है। विक्रमादित्य ने यहां अपने विभाग की कुछ बैठकें की थीं। कई परियोजनाएं हैं जो केंद्र द्वारा वित्त पोषित हैं, इसलिए उनके साथ, प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं के साथ समन्वय करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य के हित में है और हमें राज्य की बेहतरी को देखना है। इससे पहले, जब हिमाचल में त्रासदी हुई थी, तो हमने खुद केंद्र सरकार को इसके बारे में सूचित किया था और उनसे मदद मांगी थी।हम केवल राज्य के हित में काम करते हैं।

जयराम ठाकुर ने क्या कहा?

इससे पहले हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पलटने का आरोप लगाते हुए विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को दावा किया कि सरकार ने इस कदम का विरोध इसलिए किया क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘मॉडल’ है। बता दें, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से कहा था कि रेहड़ी-पटरी खासकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए अपनी दुकानों पर पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। 

लेकिन आलोचनाओं का सामना कर रही राज्य सरकार ने गुरुवार को विक्रमादित्य सिंह के बयान से खुद को अलग कर लिया और कहा कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एक बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार कांग्रेस आलाकमान के दबाव के आगे झुक गई है क्योंकि जिस नियम का विरोध किया जा रहा है वह योगी ‘मॉडल’ है।

उन्होंने कहा, “यह निंदनीय है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार कानूनी तरीके से लिए जा रहे निर्णय को वापस ले रही है। यह नियम पिछली सरकार के समय से ही लागू था।”ठाकुर ने कहा कि सरकार अपने आलाकमान की राजनीतिक मंशा को ध्यान में रखते हुए जनभावना और कानून के खिलाफ काम कर रही है।

भाषा से इनपुट

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