देश – कोई और होता तो इस्तीफा दे देता, LG के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद हमलावर हुई AAP – #INA

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उप राज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि एलजी एक सुनियोजित साजिश के तहत काम कर रहे हैं। दरअसल, एमसीडी की स्थायी समिति के अंतिम सदस्य के लिए चुनाव कराने में उप राज्यपाल वीके सक्सेना की जल्दबाजी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है। इसके बाद आम आदमी पार्टी उप राज्यपाल के खिलाफ आक्रामक हो गई है।

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पीटीआई वीडियो को बताया कि दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय द्वारा 27 सितंबर को रात 10 बजे स्थायी समिति का चुनाव स्थगित करने के बाद एलजी द्वारा इस्तेमाल की गई शक्तियां गलत थीं। कहा कि उप राज्यपाल ने जो किया वह बेहद शर्मनाक कृत्य है। भाजपा 15 साल तक एमसीडी में सत्ता में थी। उसके बाद लोगों ने फैसला किया कि अब वे आम आदमी पार्टी को नगर निकाय में देखना चाहते हैं। लेकिन भाजपा एलजी के जरिए सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है।

भारद्वाज ने कहा कि इतनी जल्दबाजी से पता चलता है कि एलजी एक सुनियोजित साजिश के तहत काम कर रहे हैं जो एक संवैधानिक पद के लिए ठीक नहीं है। भारद्वाज ने आगे कहा कि कोई और एलजी होता तो इस्तीफा दे चुका होता।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 18 सदस्यीय पैनल के अंतिम सदस्य के चुनाव में एलजी के हस्तक्षेप पर सवाल उठाया। साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं कराने को कहा। पीठ ने एलजी कार्यालय की ओर से पेश वकील से कहा, “अगर आप एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे।”

जस्टिस पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने आगे कहा, “अगर आप डीएमसी अधिनियम की धारा 487 के तहत कार्यकारी शक्तियों का उपयोग करना शुरू कर देंगे तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। आप चुनावी प्रक्रिया में कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं?”

26 सितंबर को दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने पार्षदों की तलाशी में व्यवधान के बाद चुनाव को 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था। हालांकि, सक्सेना ने फैसले को पलट दिया और एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को 27 सितंबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया। चुनाव में भाजपा ने सीट जीत ली, जिससे उसे स्थायी समिति में 10 सदस्य मिल गए। सत्तारूढ़ आप के पैनल में आठ सदस्य हैं। इससे नगर निगम की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में प्रस्तावों को मंजूरी देने में भाजपा को अधिक अधिकार मिल गया। 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक के व्यय वाले नीति प्रस्तावों को स्थायी समिति की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

बता दें कि दिसंबर 2022 में आप ने निकाय चुनावों में भाजपा को हरा दिया था। आप ने 250 में से 134 वार्डों में जीत हासिल की और एमसीडी के शीर्ष पर भगवा पार्टी के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। भाजपा ने 104 सीटें जीतीं और कांग्रेस नौ सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही।

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