देश – पाकिस्तान और चीन को मात देने की भारत ने कर ली तैयारी! परीक्षण में सफल हुईं VSHORADS मिसाइलें #INA

VSHORADS: भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है. जिससे पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन को मात दी जा सके. इस बीच भारत ने एक और स्वदेशी मिसाइल सिस्टम को विकसित किया है. जिसका शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया गया. इस मिसाइल सिस्टम को डीआरडीओ ने विकसित किया है. डीआरडीओ ने इस मिसाइल सिस्टम को VSHORADS नाम दिया है. जो कम दुश्मन के कम दूरी तक के टारगेट को पलक झपकते ही मार गिराएगी.

एक साथ किए गए तीन परीक्षण

बता दें कि डीआरडीओ द्वारा विकास तीन मिसाइलों का शनिवार को परीक्षण किया गया. जो सफल रहा.  ये मिसाइलें बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली वाली हैं. इन मिसाइलों के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग को बधाई दी. बता दें कि आधुनिक तकनीकी से लैस यह नई मिसाइल हवाई खतरों के खिलाफ सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी.

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रक्षा मंत्री का कार्यालय ने किया ट्वीट

इसे लेकर रक्षा मंत्री के कार्यालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. जिसमें लिखा, “डीआरडीओ इंडिया ने पोखरण से चौथी पीढ़ी, तकनीकी रूप से उन्नत लघु हथियार प्रणाली VSHORADS के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल विकास में शामिल डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग को बधाई दी है.” इस ट्वीट में आगे कहा गया कि पिछले कुछ सालों से मिसाइलों का विकास किया जा रहा है, उम्मीद है कि ये कम दूरी पर दुश्मन के विमानों, ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करेंगी.

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क्या है VSHORADS मिसाइल

बता दें कि VSHORADS मिसाइल एक एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे रिसर्च सेंटर इमरत (RCI) हैदराबाद, DRDO और भारतीय कंपनियों के सहयोग विकसित किया गया है. ये मिसाइल सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मिसाइल में छोटे रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स समेत कई नई तकनीकी से लैस है.

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स्वदेशी रुद्रम-II का हो चुका है परीक्षण

बता दें कि इससे पहले भारत ने मई 2024 में स्वेदशी रुद्रम-II एयर-टु-ग्राउंड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर किया गया. जिसे सुखोई-30 MK-I फाइटर प्लेन से लॉन्च किया गया. इस मिसाइल को भी डीआरडीओ ने विकसित किया है. जो 350 किमी की स्ट्राइक रेंज वाली नई जेनेरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जो जमीन पर दुश्मन के सर्विलांस, कम्युनिकेशन, रडार और कमांड और कंट्रोल सेंट्रर्स को उड़ाने में सक्षम है.



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