देश- Haryana Exit Poll Results: हरियाणा में BJP के हाथ से निकली बाजी, जानिए हैट्रिक से चूकने की 5 बड़ी वजह- #NA
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और नायब सिंह सैनी. (फाइल फोटो)
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है. पोल के मुताबिक कांग्रेस राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बना सकती है. वहीं 10 साल बाद बीजेपी की सत्ता से विदाई हो जाएगी. एक्जिट पोल के मुताबिक 10 साल की एंटी इनकमबेंसी बीजेपी सरकार पर भारी पड़ गई है.
हालांकि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को राज्य की जिम्मेदारी सौंप दी थी. लेकिन सीएम फेस बदलने के बाद भी बीजेपी सत्ता की हैट्रिक से दूर रहेगी. आइए जानते हैं वो पांच प्रमुख कारण जिसकी वजह से बीजेपी का खेल बिगड़ गया.
1- एंटी इनकमबेंसी और जाटों ने पलटी बाजी
हरियाणा के चुनाव में जाट हमेशा से बड़ा फैक्टर रहा है. इस बात की चर्चा पहले से थी कि जाट बीजेपी सरकार के काम से नाराज हैं. जिसकी झलक लोकसभा चुनावों में भी दिखी और अब एक्जिट पोल में भी नजर आ ही है. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की सत्ता में वापसी की थी. उस दौरान कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी थी. वही हाल अब बीजेपी का भी है.
बता दें कि एंटी इनकमबेंसी को रोकने के लिए बीजेपी ने चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री भी बदल दिया था. यहां मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई गई थी. लेकिन तमाम जतन के बावजूद बीजेपी जनता का मूड बदलने में कामयाब नहीं हो सकी है.
2- किसानों और पहलवानों के मुद्दे पर नाराजगी
हरियाणा में बीजेपी सरकार के लिए किसानों की नाराजगी भी भारी पड़ी. दरअसल जिस तरह से बीजेपी ने किसानों के खिलाफ बयानबाजी की और उनके प्रदर्शन से निपटी. उसने भी बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में मदद की. इसके अलावा महिला पहलवानों का मु्द्दा भी बड़ा फैक्टर बना. जिस तरह से बीजेपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर एक्शन लेने से बचती रही. यहां तक कि उनके बेटे को लोकसभा चुनाव में टिकट भी दे दिया. साथ ही विनेश फोगाट को लेकर जिस तरह से बयानबाजी की गई उससे भी हरियाणा के लोग काफी नाराज दिखे.
3- भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा फेल
हरियाणा में कांग्रेस की तरफ से मुख्य चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. जिनको लेकर बीजेपी ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया और हुड्डा परिवार पर निशाना साधा. बीजेपी के नेता मंच से लगातार कांग्रेस में परिवारवाद के मुद्दे को उठाते रहे. लेकिन राज्य की जनता में यह मुद्दा भी बेअसर दिखा. इसले अलावा कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार को भी मुद्दा बनाने की कोशिश की गई. लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिली.
4- लोकल हो गया चुनाव
एक बड़ा फैक्टर यह भी माना जा रहा है कि इस बार हरियाणा में चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी न होकर कांग्रेस बनाम बीजेपी हो गया था. ऐसे में बीजेपी के मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी की सीधी टक्कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हो गई. वहीं इस दंगल में भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीजेपी पूर्व और वर्तमान दोनों मुख्यमंत्री चेहरों पर भारी पड़ते नजर आए.
5- बीजेपी के बागियों ने किया नुकसान
राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी बीजेपी के रास्ते का कांटा बागी भी बने. इन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरकर बीजेपी की टेंशन बढ़ी दी. जैसे बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ीं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रह चुके रामबिलास शर्मा भी निर्दलीय चुनावा मैदान में कूद पड़े.
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी राजीव जैन ने भी अपनी पत्नी का टिकट कटने के बाद सोनीपत से निर्दलीय पर्चा भर दिया. वहीं फरीदाबाद से पूर्व विधायक नागेंद्र भड़ाना भी बीजेपी से अलग होकर आईएनएलडी-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर चुनाव मैदान में उतरे.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link